
अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली में एक बार फिर से दिल्ली सरकार के फैसले को लेकर उप राज्यपाल और सरकार में ठन गई है. दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल ने केजरीवाल सरकार के उस ऐतिहासिक प्रस्ताव को खारिज कर दिया है, जिसके तहत सरकार 40 सार्वजनिक सेवाओं मसलन, बर्थ सर्टिफिकेट, लाइसेंस, पेंशन आदि को घर-घर जाकर पहुंचाने वाली है. इस बात की जानकारी दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दी.
बता दें कि कुछ दिनों पहले अरविंद केजरील ने घोषणा की थी कि सरकार बुनियादी सरकारी सेवाओं जैसे जन्म प्रमाण पत्र, लाइसेंस, पेंशन, कल्याण स्कीम, राशन आदि की डिलिवरी घर-घर जाकर करेगी. इस घोषणा को दिल्ली के लोगों ने एक सराहनीय कदम बताया था.
दिल्ली वालों को केजरीवाल का तोहफा, अब AAP की सरकार इन 40 सेवाओं की करेगी होम डिलिवरी
राजधानी दिल्ली में रहने वाले लोगों को अच्छे और भ्रष्टाचार मुक्त शासन मुहैया कराने के सरकार के प्रयासों को "भारी झटका" बताते हुए मनीष सिसोदिया ने उप राज्यपाल से सवाल किया कि सार्वजनिक हित के ऐसे गंभीर मामलों पर निर्वाचित सरकार के साथ इस तरह से उप राज्यपाल को अपने वैचारिक मतभेद को जाहिर करने की शक्ति है क्या? एक के बाद एक ट्वीट में मनीष सिसोदिया ने कहा कि सरकार और एलजी की वैचारिक मतभेद की वजह से आम जनता पीस रही है.
यह मसला एक बार फिर से केजरीवाल सरकार और केंद्र के बीच में लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है. उपराज्यपाल के इसी तरह के रवैये की वजह से दिल्ली सरकार कोर्ट का रुख अपना चुकी है और कोर्ट में ये आरोप लगाया है कि सरकार के प्रस्तावों और योजनाओं पर एलजी बैठे हुए हैं.
दिल्ली सरकार घर-घर करेगी राशन की होम डिलिवरी, कुछ ऐसा है प्लान
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया था कि बुनियादी सार्वजनिक सेवाओं जैसे कि राशन कार्ड जो कि गरीब परिवारों को सब्सिडी वाले अनाज देने की मंजूरी देती है, वह अब दिल्ली के लोगों के लिए होम डिलिवरी होगी. यानी कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से लोगों को राशन की होम डिलिवरी की जाएगी. इसके तहत राजधानी में रहने वाले सभी राशन कार्डधारियों को उनके कोटा का राशन घर पहुंचा दिया जाएगा. केजरीवाल कैबिनेट ने इस कदम को दुनिया में अपने तरह का सबसे पहला प्रयास बताया था.
इस बारे में मनीष सिसोदिया ने कहा था कि आधिकारी कागजी कार्रवाई पूरी करने के लिए आपके दरवाजे पर पहुंचेंगे. काम पूर्ण होने पर भुगतान एकत्र करेंगे और आपके आधार बायोमेट्रिक्स की जानकारी की पुष्टि करेंगी. यह विचार राशन लेने के लिए लगने वाली लंबी लाइनों को खत्म करने के लिए है, जिसके लिए लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि अब मैरिज सर्टिफिकेट, बजले निवास का पता, जाति प्रमाण सहित सभी दस्तावेज अब आपके घर पर ही बना दिये जाएंगे.
VIDEO: दिल्ली में इन 40 सरकारी सेवाओं के लिए नहीं लगाने होंगे दफ्तरों के चक्कर
बता दें कि कुछ दिनों पहले अरविंद केजरील ने घोषणा की थी कि सरकार बुनियादी सरकारी सेवाओं जैसे जन्म प्रमाण पत्र, लाइसेंस, पेंशन, कल्याण स्कीम, राशन आदि की डिलिवरी घर-घर जाकर करेगी. इस घोषणा को दिल्ली के लोगों ने एक सराहनीय कदम बताया था.
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राजधानी दिल्ली में रहने वाले लोगों को अच्छे और भ्रष्टाचार मुक्त शासन मुहैया कराने के सरकार के प्रयासों को "भारी झटका" बताते हुए मनीष सिसोदिया ने उप राज्यपाल से सवाल किया कि सार्वजनिक हित के ऐसे गंभीर मामलों पर निर्वाचित सरकार के साथ इस तरह से उप राज्यपाल को अपने वैचारिक मतभेद को जाहिर करने की शक्ति है क्या? एक के बाद एक ट्वीट में मनीष सिसोदिया ने कहा कि सरकार और एलजी की वैचारिक मतभेद की वजह से आम जनता पीस रही है.
यह मसला एक बार फिर से केजरीवाल सरकार और केंद्र के बीच में लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है. उपराज्यपाल के इसी तरह के रवैये की वजह से दिल्ली सरकार कोर्ट का रुख अपना चुकी है और कोर्ट में ये आरोप लगाया है कि सरकार के प्रस्तावों और योजनाओं पर एलजी बैठे हुए हैं.
मनीष सिसोदिया ने अपने ट्वीट में लिखा कि उप राज्यपाल ने प्रस्ताव को पुनर्विचार के लिए वापस भेज दिया है. एलजी का कहना है कि सेवाओं का डिजिटलाइजेशन काफी है. घर-घर जाकर सेवाओं की डिलिवरी करने की कोई जरूरत नहीं है. वहीं, सिसोदिया का कहना है कि इस प्लान को अपार जनसमर्थन मिला है. इतना ही नहीं, मनीष सिसोदिया ने इस मसले पर दिल्ली की जनता के लिए दुख भी जताया है.LG has taken decision without knowing field reality. Announcement of doorstep delivery scheme was welcomed by all sections of society.
— Manish Sisodia (@msisodia) December 26, 2017
Huge setback in Del govt’s efforts to provide good and corruption free governance.. 3/N
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दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया था कि बुनियादी सार्वजनिक सेवाओं जैसे कि राशन कार्ड जो कि गरीब परिवारों को सब्सिडी वाले अनाज देने की मंजूरी देती है, वह अब दिल्ली के लोगों के लिए होम डिलिवरी होगी. यानी कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से लोगों को राशन की होम डिलिवरी की जाएगी. इसके तहत राजधानी में रहने वाले सभी राशन कार्डधारियों को उनके कोटा का राशन घर पहुंचा दिया जाएगा. केजरीवाल कैबिनेट ने इस कदम को दुनिया में अपने तरह का सबसे पहला प्रयास बताया था.
इस बारे में मनीष सिसोदिया ने कहा था कि आधिकारी कागजी कार्रवाई पूरी करने के लिए आपके दरवाजे पर पहुंचेंगे. काम पूर्ण होने पर भुगतान एकत्र करेंगे और आपके आधार बायोमेट्रिक्स की जानकारी की पुष्टि करेंगी. यह विचार राशन लेने के लिए लगने वाली लंबी लाइनों को खत्म करने के लिए है, जिसके लिए लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि अब मैरिज सर्टिफिकेट, बजले निवास का पता, जाति प्रमाण सहित सभी दस्तावेज अब आपके घर पर ही बना दिये जाएंगे.
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