यह ख़बर 01 जुलाई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

झारखंड हाईकोर्ट ने चारा घोटाले पर लालू की याचिका खारिज की

खास बातें

  • झारखंड हाईकोर्ट ने चारा घोटाले से जुड़े एक मामले को प्रभास कुमार सिंह की अदालत से दूसरी विशेष सीबीआई अदालत में स्थानांतरित करने और एक और गवाह से जिरह करने की राजद प्रमुख लालू प्रसाद की याचिका को खारिज कर दिया।
रांची:

झारखंड हाईकोर्ट ने चारा घोटाले से जुड़े एक मामले को प्रभास कुमार सिंह की अदालत से दूसरी विशेष सीबीआई अदालत में स्थानांतरित करने और एक और गवाह से जिरह करने की राजद प्रमुख लालू प्रसाद की याचिका को खारिज कर दिया।

न्यायमूर्ति आरआर प्रसाद की अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया। 28 जून को अदालत ने लालू प्रसाद की ओर से वकील राम जेठमलानी की दलील सुनने के बाद याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था।

लालू ने आरसी20ए मामले को किसी अन्य सीबीआई अदालत में स्थानांतरित करने का आग्रह किया था, क्योंकि उनका कहना था कि उन्हें प्रभास कुमार सिंह की विशेष सीबीआई अदालत से न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि इनका कथित तौर पर बिहार के दो जदयू नेताओं से संबंध है, जो उनकी राजनीतिक तौर पर विरोधी पार्टी है।

लालू प्रसाद की ओर से दलील देते जेठमलानी ने कहा था कि इसी आधार पर पशु पालन मामले को प्रभास कुमार सिंह की अदालत से स्थानांतरित किया जाना चाहिए।
 
जेठमलानी ने कहा कि पशु पालन घोटाले में 76 गवाह थे, लेकिन केवल 17 गवाहों से जिरह की गई। उन्होंने इस मामले में एक अन्य गवाह से जिरह की मांग की। 24 जून को उच्चतम न्यायालय के वकील सुरेन्द्र कुमार ने प्रभास कुमार सिंह की विशेष अदालत को सूचित किया था कि उच्च न्यायालय का आदेश आने तक उनके मुव्वकिल की ओर से जिरह को रोक दिया जाए।

सीबीआई अदालत पिछले एक महीने से दलीलों को सुन रही है और 20 जून को उसने लालू प्रसाद समेत चारा घोटाले के 45 आरोपियों को एक जुलाई तक जिरह पूरी करने का निर्देश दिया था।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

अदालत ने आरसी 20ए..96 मामले में फैसले की तारीख 15 जुलाई निर्धारित की थी, जिसमें कथित तौर पर 1990 में चाइबासा सरकारी खजाने से गलत तरीके से 37.7 करोड़ रुपये निकाले गए थे। आरसीए.96 मामले में 56 में 45 आरोपी है, जोकि शेष या तो गवाह बन गए या उनका निधन हो गया।