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This Article is From Aug 14, 2017

सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम के विदेश जाने पर रोक लगाई, लुक आउट नोटिस फिर प्रभावी

इससे पहले 10 अगस्त को मद्रास हाई कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति को राहत देते हुए उनके खिलाफ जारी लुकआउट नोटिस कर अंतरिम रोक लगा दी थी.

सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम के विदेश जाने पर रोक लगाई, लुक आउट नोटिस फिर प्रभावी
मद्रास हाई कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम के खिलाफ लुक आउट नोटिस पर अंतरिम रोक लगा दी थी.(फाइल फोटो)
नई दिल्‍ली: पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ लुक आउट नोटिस पर मद्रास हाई कोर्ट के अंतरिम रोक लगाने के फैसले के खिलाफ सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. इसमें हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी. CBI ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश पर रोक लगाई जानी चाहिए. सीबीआई ने कहा कि लुकआउट नोटिस (LOC) का मतलब यह नहीं है कि कार्ति को जेल में ठूंस दिया जाएगा. ये इसलिए किया गया ताकि वो विदेश जाने से पहले एजेंसियों को सूचित करें. मद्रास हाईकोर्ट ने LOC पर अंतरिम रोक लगाई लेकिन ये हाई कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में नहीं है क्योंकि ये FIR दिल्ली में दर्ज की गई.

सुनवाई के दौरान CJI खेहर ने ASG तुषार मेहता से कहा कि एेसा ही लगा जैसे सीबीआई कार्ति को जेल में ठूंस देगी. हालांकि सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी. इसके साथ ही कार्ति के विदेश जाने पर रोक लगा दी गई. नतीजतन लुक आउट नोटिस फिर प्रभावी हो गया. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कार्ति 18 अगस्‍त को बताएं कि वह जांच में कब शामिल होंगे.

पढ़ें: कार्ति चिदंबरम के लंदन जाने के बाद ईडी ने उनके खिलाफ किया मनी लांड्रिंग का केस दर्ज

इससे पहले 10 अगस्त को मद्रास हाई कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति को राहत देते हुए उनके खिलाफ जारी लुकआउट नोटिस कर अंतरिम रोक लगा दी थी. अदालत ने केंद्र सरकार से चार सितंबर के बाद इस मामले में जवाब देने को कहा है. आइएनएक्स मीडिया मामले में गृह मंत्रालय के तहत आने वाले विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी और आव्रजन ब्यूरो ने कार्ति के खिलाफ 16 जून को नोटिस जारी किया था.

VIDEO: कार्ति के घर पर सीबीआई के छापे


कार्ति ने हाई कोर्ट में दायर याचिका में लुक आउट नोटिस रद करने की मांग की और इसे केंद्र सरकार की बदले की कार्रवाई बताया. उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में सीबीआइ द्वारा जारी हर समन पर वे हाजिर हुए हैं. ऐसे में नोटिस जारी करने का कोई मतलब नहीं था. यह मामला आइएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी मिलने में भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़ा हुआ है. उस समय पी चिदंबरम देश के वित्त मंत्री थे.
 

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