यह ख़बर 20 फ़रवरी, 2011 को प्रकाशित हुई थी

जेपीसी में सरकार चाहे ज्यादा से ज्यादा दल

खास बातें

  • सूत्रों का कहना है कि सरकार जेपीसी को वृहद स्वरूप प्रदान करना चाह रही है। इसमें 21 से 30 सदस्यों को शामिल किए जाने की संभावना है।
नई दिल्ली:

2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले की जांच के लिए गठित की जाने वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को एक वृहद स्वरूप प्रदान करने के मकसद से केंद्र सरकार इसमें ज्यादा से ज्यादा दलों को शामिल कर सकती है। सरकारी महकमों में सूत्रों का कहना है कि सरकार जेपीसी को वृहद स्वरूप प्रदान करना चाह रही है। इसमें 21 से 30 सदस्यों को शामिल किए जाने की संभावना है। लोक सभा में भाजपा के उपनेता गोपीनाथ मुंडे के साथ-साथ विपक्षी दलों के अन्य सदस्यों ने भी इसी तरह की मांग की है जिसमें कहा गया गया है कि समिति में 30 से ज्यादा सदस्य होने चाहिए ताकि छोटे दलों को भी इसमें प्रतिनिधित्व का मौका मिल सके। इस बात की भी चर्चा है कि किसी केंद्रीय मंत्री को समिति में शामिल होने और इसकी अध्यक्षता करने को कहा जा सकता है लेकिन अब तक इस बाबत पुष्टि नहीं हो सकी है। गौरतलब है कि बोफोर्स कांड की जांच के लिए गठित जेपीसी की अध्यक्षता के लिए बी शंकरानंद ने राजीव गांधी सरकार में कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।


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