
इन्फोसिस के सह-संस्थापक एन.आर. नारायणमूर्ति ने गुरुवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था इस साल छह से सात फीसदी की दर से बढ़ रही है, और 'निवेशकों का भरोसा ऐतिहासिक ऊंचाई पर है...' समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, गोरखपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में एन.आर. नारायणमूर्ति ने कहा, "भारत दुनिया का सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट केंद्र बन चुका है... हमारा विदेशी मुद्रा भंडार 400 अरब डॉलर पार कर चुका है..." नारायणमूर्ति की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब देश की अर्थव्यवस्था पिछले पांच साल के दौरान वृद्धि की सबसे खराब गति को निहार रही है, और कई सेक्टरों में तो लाखों नौकरियां जाने के कगार पर हैं.
Infosys co-founder N R Narayana Murthy in Gorakhpur: While it's easy to drape ourselves in our national flag and shout 'Mera Bharat Mahaan' or 'Jai Ho', it is difficult to practice values. We have to identify ourselves as Indians first & rise above states,religion&caste. (22.08) pic.twitter.com/svjFOBf3HY
— ANI UP (@ANINewsUP) August 23, 2019
उन्होंने आगे कहा, "हमारी सरकारों को ज़्यादा नागरिक-हितैषी बनना होगा और उद्यमियों के रास्ते की बाधाओं को दूर करना होगा, ताकि ज़्यादा से ज़्यादा तादाद में रोज़गार पैदा हों... हमारी आर्थिक नीतियों को कम से कम लोकलुभावन होना होगा, और विशेषज्ञता पर आधारित होने की ओर ज़्यादा ध्यान देना होगा..."
गोरखपुर में इन्फोसिस के सह-संस्थापक एन.आर. नारायणमूर्ति ने गोरखपुर में कहा, "खुद को तिरंगे में लपेटकर 'मेरा भारत महान' या 'जय हो' कहना बेहद आसान है, लेकिन मूल्यों पर चलना कठिन है... हमें सबसे पहले खुद को भारतीय के रूप में पहचानना होगा, तथा राज्य, धर्म और जाति से ऊपर उठना होगा..."
भारत का सकल घरेलू उत्पाद, यानी GDP जनवरी-मार्च की अवधि के दौरान 5.8 फीसदी की दर से बढ़ा, और इसी के साथ भारत ने सबसे तेज़ी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था का ताज पिछले डेढ़ साल में पहली बार चीन के हाथों गंवा दिया. 31 मार्च को खत्म हुए वित्तवर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6.8 फीसदी रही थी, जो पिछले लगभग पांच साल में दर्ज की गई सबसे कम दर है.
एक ओर केंद्र सरकार ने कहा है कि अप्रैल-जून की तिमाही में वृद्धि 'कुछ धीमी' हो सकती है, वहीं कई अर्थशास्त्रियों ने 31 मार्च, 2020 को खत्म होने जा रहे वित्तवर्ष के दौरान वृद्धि के अनुमानों को संशोधित कर घटा दिया है. इसी माह, यानी अगस्त में ही भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने जून नीति में वर्ष 2019-20 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि के अनुमान को सात फीसदी से घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया था.
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