
भारत ने अब अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ से अपने सभी नागरिकों को निकालने का फैसला किया है. यहां भारत के कॉन्स्यूलेट ने ट्वीट कर कहा है कि एक विशेष उड़ान आज शाम वहां से दिल्ली के लिए निकलेगी. मज़ार- ए-शरीफ और इसके आसपास जो भी भारतीय नागरिक हैं, उनसे गुज़ारिश है कि वो इस फ्लाइट से अफगानिस्तान से निकल जाएं. जो भी यहां से निकलना चाहते हैं वो फौरन अपना पूरा नाम, पासपोर्ट नंबर, उसके एक्सपायर करने की तारीख सब कंसुलेट के नंबर पर वॉट्सऐप कर दें.
इससे पहले कांधार के कॉन्स्यूलेट से ऐसे ही भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से सभी भारतीय कर्मचारियों को निकाला गया था. पिछले साल हेरात और जलालाबाद के कंसुलेट से भारतीय कर्मचारियों को कोविड के कारण निकाला गया था, लेकिन मजार- ए-शरीफ से भारतीयों को निकलने के लिए ऐसे वक्त में कहा जा रहा है जब अफगानिस्तान से आ रही रिपोर्ट के मुताबिक- तालिबान और अफगानी सेना के बीच लड़ाई शहर के बेहद पास तक पहुंच गई है. तालिबान ने अहम शहरों पर कब्ज़ा किया है, हालांकि अफगानी सेनाएं उन्हें टक्कर दे रही हैं, लेकिन एहतियातन अब ये ताज़ा निर्देश भारत की तरफ से अपने नागरिकों को है जहां विशेष उड़ान से मज़ार ए शरीफ से उन्हें आज ही शाम निकाला जाएगा.
बता दें कि अमेरिका के रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने कहा कि भारत ने अतीत में प्रशिक्षण तथा बुनियादी ढांचा सुधार में सहायता प्रदान करके अफगानिस्तान में रचनात्मक भूमिका निभाई है, जिससे युद्धग्रस्त देश में स्थिरता तथा सुशासन बनाए रखने में मदद मिली है.पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने एक संवाददाता सम्मेलन में सोमवार को कहा कि अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन का कहना है कि अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय चिंतित है, जिस पर स्पष्ट तौर पर सही दिशा में काम नहीं हो रहा है. किर्बी ने कहा, ‘‘ भारत ने अतीत में प्रशिक्षण और अन्य बुनियादी ढांचे में सुधार के मामले में अफगानिस्तान में रचनात्मक भूमिका निभाई है.''अफगानिस्तान पर भारत और अमेरिका के सहयोग के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘‘ अफगानिस्तान में स्थिरता तथा सुशासन के लिए इस तरह के काम, इस तरह के प्रयासों का हमेशाा स्वागत किया जाता है.''
(इनपुट्स भाषा से भी)
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