भारत को मालदीव में चीन से बेहतर सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए : मालदीव

बता दें कि मालदीव में जारी राजनीतिक संकट के बीच मालदीव के राष्ट्रपति ने सबसे पहले भारत में विशेष दूत भेजने की योजना बनाई थी, मगर भारत की तरफ से इस यात्रा को यह कह कर रोक दिया गया कि इस वक्त यह संभव नहीं हो पाएगा.

भारत को मालदीव में चीन से बेहतर सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए : मालदीव

मालदीव के राष्ट्रपति यामिन (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

मालदीव की वर्तमान स्थिति पर एनडीटीवी से खास बातचीत करते हुए मालदीव के भारत में दूत अहमद मोहम्मद ने कहा कि भारत को मालदीव में चीन से अधिक सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए. उन्होंने यह बात एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में कही. वह भारत की मालदीव में चीन के बढ़ते 'प्रभाव' से जुड़े सवाल के संदर्भ में जवाब दे रहे थे. उन्होंने एनडीटीवी से कहा कि यदि इस तरह का कोई धारणा (परसेप्शन) है कि चीन का प्रभाव बढ़ रहा है तो... भारत को मालदीव में 'अधिक से अधिक पहुंच' बनाने की  भूमिका अदा करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत को और अधिक प्रोऐक्टिव (सक्रिय) भूमिका निभानी चाहिए. उन्होंने कहा कि हम (भारत और मालदीव) पड़ोसी हैं और हमें चीन या किसी भी और देश से ज्यादा भारत को मालदीव के मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए.

मालदीव में राजनीतिक तूफान : पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने भारत से मदद की गुहार लगाई

बता दें कि मालदीव में जारी राजनीतिक संकट के बीच मालदीव के राष्ट्रपति ने सबसे पहले भारत में विशेष दूत भेजने की योजना बनाई थी, मगर भारत की तरफ से इस यात्रा को यह कह कर रोक दिया गया कि इस वक्त यह संभव नहीं हो पाएगा. भारत में मालदीव के राजदूत अहमद मोहम्मद ने कहा था कि ‘असल में योजना के मुताबिक विशेष दूत का पहला पड़ाव भारत ही था और मालदीव के राष्ट्रपति ने विशेष दूत को भेजने का प्रस्ताव किया गया था. मगर मालदीव के राष्ट्रपति द्वारा प्रस्तावित तारीखें भारतीय नेतृत्व को उचित नहीं लगीं.’

अमेरिका ने मालदीव से कहा, लोगों और संस्थानों के अधिकार बहाल करें

मालदीव के राजदूत ने कहा कि उन्होंने अपने विदेश मंत्री से मुलाकात के लिए भारत के विदेश राज्यमंत्री को लेकर भी एंक्वायरी की थी. बता दें कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अभी देश से बाहर सउदी अरब की यात्रा पर हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 फरवरी से संयुक्त अरब अमीरात, ओमान और फिलिस्तीन की चार दिवसीय यात्रा पर रवाना होने वाले हैं. बता दें कि यामीन पहले ही अपने विशेष दूतों को चीन, पाकिस्तान और सऊदी अरब भेज चुके हैं ताकि उन्हें देश में गहराते राजनीतिक संकट की जानकारी दी जा सके.

राजदूत अहमद मोहम्मद ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि हमें दुख हुआ... इसलिए हम बाहर का रुख कर रहे हैं. मोहम्मद ने कहा कि, "हम चाहते हैं कि भारत चीन से भी ज्यादा करे ... क्योंकि हम पड़ोसी हैं.  उन्होंने कहा, ‘हम समझते हैं कि विदेश मंत्री देश से बाहर हैं और प्रधानमंत्री इस हफ्ते संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) रवाना होने वाले हैं.’


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com