सिंचाई में दूषित पानी का इस्तेमाल, लाखों लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ता है बुरा असर

शोध के अनुसार, किसान उन जगहों पर ज्यादा अपशिष्ट पानी का इस्तेमाल करते हैं, जहां यह अपशिष्ट जल पैदा होता व जल प्रदूषण ज्यादा है इन परिस्थितियों में वहां साफ पानी की आपूर्ति कम है.

सिंचाई में दूषित पानी का इस्तेमाल, लाखों लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ता है बुरा असर

प्रतीकात्मक फोटो

खास बातें

  • भारत भी पांच देशों में शामिल
  • सिंचाई में इस्तेमाल होता है दूषित पानी
  • शोध में सामने आई बात
नई दिल्ली:

भारत व चार अन्य देश दुनिया में सबसे ज्यादा फसलों की सिंचाई खराब पानी से करते हैं. इससे लाखों लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है.  एक शोध में यह बात सामने आई है. अन्य चार देशों में चीन, पाकिस्तान, मैक्सिको व ईरान शामिल है. शोध का प्रकाशन पत्रिका 'इनवायरमेंट रिसर्च' में प्रकाशित किया गया है. अनुपचारित अपशिष्ट जल से फसलों की सिंचाईं पहले की तुलना में 50 फीसदी ज्यादा बढ़ी है. यह शोध वैश्विक स्तर पर एक व्यापक अनुमान के लिए उन्नत मॉडल की विधियों पर आधारित है, जिसमें किसान शहरी अपशिष्ट जल का इस्तेमाल फसलों की सिंचाई में करते हैं. शोधकर्ताओं ने जियोग्राफिक इनफार्मेशन सिस्टम (जीआईएस) के आंकड़ों का विश्लेषण किया है.

शोध के अनुसार, किसान उन जगहों पर ज्यादा अपशिष्ट पानी का इस्तेमाल करते हैं, जहां यह अपशिष्ट जल पैदा होता व जल प्रदूषण ज्यादा है इन परिस्थितियों में वहां साफ पानी की आपूर्ति कम है, वह अपशिष्ट जल वहां खेतों की सिंचाई के लिए एक सुसंगत व विश्वसनीय जरिया है. इस उच्च मूल्य वाली फसलें जैसे सब्जियां भी शामिल हैं, जिसमें मुख्य खाद्य पदार्थो की तुलना में ज्यादा पानी की जरूरत होती है. जहां अपशिष्ट पानी उपलब्ध है वहां किसान अपशिष्ट जल में उच्च पोषक पदार्थो की मात्रा की वजह से इसको ज्यादा प्राथमिकता देते हैं, जिससे उर्वरकों की आवश्यकता कम होती है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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