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This Article is From Feb 17, 2017

एफ-16 लड़ाकू विमान भारत में बनाने को लेकर सरकारों में बातचीत जारी : लॉकहीड मार्टिन

एफ-16 लड़ाकू विमान भारत में बनाने को लेकर सरकारों में बातचीत जारी : लॉकहीड मार्टिन
फाइल फोटो
बेंगलुरु: प्रमुख अमेरिकी रक्षा कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने गुरुवार को कहा कि उसकी एफ-16 लड़ाकू विमानों का विनिर्माण भारत में शुरू करने की योजना है और इसको लेकर अमेरिका व भारत सरकार के बीच बातचीत चल रही है. लॉकहीड मार्टिन एयरोनोटिक्स के निदेशक रेंडी होवार्ड ने एयरो इंडिया 2017 के अवसर पर संवाददाताओं को यह जानकारी दी. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस बारे में बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है और फिलहाल सरकारों के स्तर पर चर्चा हो रही है. उन्होंने कहा कि कंपनी दोनों सरकारों के फैसले का इंतजार कर रही है और वह इन फैसलों का पूरा समर्थन करेगी. लॉकहीड ने हाल ही में कहा था कि उसके अधिकारियों ने इस प्रस्ताव के बारे में अमेरिका की नयी ट्रंप सरकार को बताया है. ट्रंप इस बात के खिलाफ हैं कि अमेरिकी कंपनियां अपना परिचालन किसी अन्य देश में लेकर जाएं.

जो F-16 विमान पाक ना पा सका, उसके भारत में निर्माण और दुनिया भर में निर्यात की पेशकश
लॉकहीड मार्टिन ने अगस्‍त 2016 में कहा था कि उसने अपने युद्धक विमान एफ-16 के अत्याधुनिक संस्करण एफ-16 ब्लॉक-70 की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट टेक्सास से भारत ट्रांसफर करने की पेशकश की है. उसका इरादा भारत से ही इन विमानों की स्थानीय और वैश्विक मांग को पूरा करना है. लॉकहीड मार्टिन के पास एफ-16 ब्लॉक-70 विमान की अभी सिर्फ एक ही उत्पादन लाइन है. हालांकि भारत के लिए की गई पेशकश के साथ शर्त यह है कि वह भारतीय वायुसेना के लिए इन विमानों का चयन करे.

लॉकहीड मार्टिन ने प्रस्ताव को बताया था बेजोड़
कंपनी के एफ-16 कारोबार के प्रभारी रैंडल एल. हॉवर्ड ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था, 'हमने भारत के सामने जो प्रस्ताव रखा है, वह बेजोड़ है. हमने ऐसा प्रस्ताव कभी किसी के सामने नहीं रखा.' लेकिन उन्होंने साथ-साथ यह भी कहा कि उनकी कंपनी चाहती है कि एफ-16 ब्लॉक-70 विमान का भारत में भारत के लिए निर्माण हो और यहीं से इसका दुनिया में निर्यात किया जाए. हालांकि उन्होंने इस सवाल को टाल दिया था कि क्या वह यह आश्वासन देगी कि एफ-16 विमान पाकिस्तान को नहीं बेचे जाएंगे. उन्होंने बस इतना कहा कि यह बातें भारत और अमेरिका की सरकारों के बीच बातचीत का विषय होंगी.

प्रस्ताव के पीछे थी यह शर्त
यह पूछे जाने पर कि क्या इन विमानों का कारखाना फोर्ट वर्थ (अमेरिका) से भारत स्थानांतरित करने के लिए यह शर्त होगी कि भारतीय वायुसेना अपने बेड़े के लिए इन विमानों को चुने, तो इसके जवाब में भारत में कंपनी के कार्यकारी अभय परांजपे ने कहा, 'हां'. उन्होंने कहा कि यह पेशकश भारतीय वायुसेना की तरफ से सुनिश्चित ऑर्डर मिलने की शर्त पर है, जो अपनी ताकत बढ़ाने के लिए नए लड़ाकू विमान खरीदने की सोच रहा है.

कई दूसरी कंपनियां भी कर चुकी हैं ऐसी ही पेशकश
रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर कह चुके हैं कि भारत, भारतीय वायुसेना के लिए देश में ही विकसित तेजस विमान के अलावा 'मेक इन इंडिया' के माध्यम से कम से कम एक और विमान चुनेगा. भारतीय वायुसेना के ठेके लिए लॉकहीड मार्टिन को अमेरिका की ही अपनी प्रतिस्पर्धी कंपनी बोइंग (एफए-18ई), फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन (राफेल), स्वीडन की साब कंपनी के ग्रिपेन के अलावा यूरोफाइटर से भी प्रतिस्पर्धा मिल रही है. इन सभी कंपनियों ने भारत में अपना विमान कारखाना लगाने की पेशकश की है.

लॉकहीड मार्टिन के अधिकारी हॉवर्ड ने कहा था, 'पर हम ना केवल अपनी एकमात्र उत्पादन सुविधा भारत में स्थानांतरित करने की पेशकश कर रहे हैं, बल्कि उसी से हम दुनिया के बाकी बाजारों की जरूरत को भी पूरा करना चाहते हैं.' उन्होंने कहा कि भारतीय क्षेत्र के लिए एफ-16 ब्लॉक-70 सबसे अच्छा लड़ाकू विमान है. भारत के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह एक ऐसा भागीदार चुने जो अपने वायदे को पूरा कर सके.

(इनपुट भाषा से...)

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