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This Article is From Dec 23, 2016

पासपोर्ट बनवाने के नियमों में बदलाव, जन्मतिथि के लिए आधार कार्ड को मान्यता

पासपोर्ट बनवाने के नियमों में बदलाव, जन्मतिथि के लिए आधार कार्ड को मान्यता
  • पहले 1989 के बाद पैदा हुए लोगों को जन्म प्रमाण पत्र देना अनिवार्य था
  • अब जन्मतिथि के लिए आधार कार्ड, वोटर कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस को मान्यता
  • साधु-सन्यासी मां-बाप के नाम पर लिख सकते हैं अपने गुरू का नाम
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नई दिल्ली: सरकार ने पासपोर्ट बनवाने के नियमों में बड़ा फेरबदल किया है. नए नियमों में जन्म प्रमाण पत्र, शादी का प्रमाण पत्र और माता या पिता या फिर कानूनी अभिभावकों के उल्लेख के बारे में कई बदलाव किए हैं.

अब से पहले जिनके पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं होते थे, उनको मजिस्ट्रेट से प्रमाण पत्र लेना होता था, लेकिन अब आधार कार्ड में उल्लेखित जन्मतिथि को मान्यता दे दी गई है. आधार कार्ड के अलावा ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, स्कूल का प्रमाणपत्र या फिर मतदाता पहचान पत्र को भी जन्म तिथि के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा.

साधु-सन्यासियों के लिए माता-पिता के नाम पर उनके अध्यात्मिक गुरु का नाम देने की छूट दी गई है. एकल माता या पिता वाले बच्चों के लिए पासपोर्ट पर माता या पिता या फिर कानूनी अभिभावक के नाम के इस्तेमाल को मंजूरी दी गई है.

विवाहित लोगों के लिए विवाह का प्रमाण पत्र देने की जरुरत को भी हटा दिया गया है. सरकारी लोगों या नौकरशाहों को अपने विभाग से अनापत्ति प्रमाण लेने के नियम को भी खत्म कर दिया गया है.

अनाथ बच्चों के लिए उनके अनाथालय के प्रमाण पत्र को जन्मतिथि और अभिभावक के नाम के स्थान पर इस्तेमाल करने की सहूलियत की गई है.

 

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