नई दिल्ली:
केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने आज सार्वजनिक तौर पर कैबिनेट द्वारा पारित उस अध्यादेश की निंदा की जिसके तहत सरकार पर दागी नेताओं को सुप्रीम कोर्ट के वार से बचाने का प्रयास का आरोप लग रहा है।
कैबिनेट ने इस अध्यादेश को पारित कर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पास हस्ताक्षर के लिए भेज दिया है। इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने गुरुवार की शाम राष्ट्रपति से मुलाकात कर यह आग्रह किया कि वह इस बिल पर हस्ताक्षर न करें। भाजपा ने इस बिल को असंवैधानिक बताया है।
कांग्रेसी नेताओं में मिलिंद देवड़ा तीसरे ऐसे शख्स है जिन्होंने इस अध्यादेश के विरोध में अपनी बात रखी है। इससे पहले दिग्विजय सिंह और अनिल शास्त्री इस अध्यादेश के विरोध में बोल चुके हैं। कहा जाता है कि देवड़ा राहुल गांधी के काफी करीबी हैं।
देवड़ा को सरकार को शर्मिंदा करने वाले एक ट्वीट में कहा कि दागी नेताओं को अपनी कुर्सी बचाने के कानून होने से लोगों का लोकतंत्र से विश्वास खत्म हो रहा है।
कांग्रेस पार्टी ने भीतर से उठ रहे विरोध के स्वर को कमतर करने की कोशिश की है। पार्टी प्रवक्ता राज बब्बर ने कहा कि जो देवड़ा ने कहा है वह नैतिकता के लिहाज से सही है, लेकिन सरकार संवैधानिक अधिकारों को भी बचाना होता है।
गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह ने कहा था कि सरकार को इस मुद्दे पर आम राय से काम करना चाहिए था, खैर सरकार की मजबूरी रही होगी।
भाजपा का आरोप है कि इस अध्यादेश से सरकार इस समय लालू यादव को बचाने की कोशिश कर रही है। लालू यादव पर चारा घोटाले में कोर्ट जल्द ही फैसला देने वाली है।
कैबिनेट ने इस अध्यादेश को पारित कर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पास हस्ताक्षर के लिए भेज दिया है। इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने गुरुवार की शाम राष्ट्रपति से मुलाकात कर यह आग्रह किया कि वह इस बिल पर हस्ताक्षर न करें। भाजपा ने इस बिल को असंवैधानिक बताया है।
कांग्रेसी नेताओं में मिलिंद देवड़ा तीसरे ऐसे शख्स है जिन्होंने इस अध्यादेश के विरोध में अपनी बात रखी है। इससे पहले दिग्विजय सिंह और अनिल शास्त्री इस अध्यादेश के विरोध में बोल चुके हैं। कहा जाता है कि देवड़ा राहुल गांधी के काफी करीबी हैं।
देवड़ा को सरकार को शर्मिंदा करने वाले एक ट्वीट में कहा कि दागी नेताओं को अपनी कुर्सी बचाने के कानून होने से लोगों का लोकतंत्र से विश्वास खत्म हो रहा है।
कांग्रेस पार्टी ने भीतर से उठ रहे विरोध के स्वर को कमतर करने की कोशिश की है। पार्टी प्रवक्ता राज बब्बर ने कहा कि जो देवड़ा ने कहा है वह नैतिकता के लिहाज से सही है, लेकिन सरकार संवैधानिक अधिकारों को भी बचाना होता है।
गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह ने कहा था कि सरकार को इस मुद्दे पर आम राय से काम करना चाहिए था, खैर सरकार की मजबूरी रही होगी।
भाजपा का आरोप है कि इस अध्यादेश से सरकार इस समय लालू यादव को बचाने की कोशिश कर रही है। लालू यादव पर चारा घोटाले में कोर्ट जल्द ही फैसला देने वाली है।
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