''छवि बनाने के अलावा जिंदगी में और भी बहुत कुछ है'' : क्‍या अनुपम खेर ने की केंद्र सरकार की आलोचना?

अनुपम खेर ने कहा, 'कहीं न कहीं वे लड़खड़ा गए..यह समय उनके लिए इस बात को समझने का है कि छवि बनाने के अलावा भी जीवन में और भी बहुत कुछ है. '

नई दिल्ली:

Corona pandemic: नरेंद्र मोदी सरकार की तारीफों के पुल बांधने के लिए जाने जाते रहे एक्‍टर अनुपम खेर (Anupam Kher)ने कोविड-19 संकट पर नियंत्रण के मामले में केंद्र सरकार पर कड़ी टिप्‍पणी की है. केंद्र में बीजेपी नीत सरकार का अब तक मजबूती से बचाव करते हुए आए अनुपम ने कहा कि उन्‍हें लगता है कि कोविड संकट में सरकार 'फिसल' गई और इसे जिम्‍मेदार ठहराना महत्‍वपूर्ण है. NDTV को दिए एक इंटरव्‍यू में उन्‍होंने कहा, 'कहीं न कहीं वे लड़खड़ा गए..यह समय उनके लिए इस बात को समझने का है कि छवि बनाने के अलावा भी जीवन में और भी बहुत कुछ है. '

अनुपम से पूछा गया कि क्‍या सरकार के प्रयास अपनी छवि बनाने के बजाय राहत उपलब्‍ध कराने पर अधिक केंद्रित होने चाहिए थे और कोविड से प्रभावित परिवार के हॉस्पिटल बेड के लिए गिड़गिड़ाते, शवों को नदी में बहते और मरीजों को संघर्ष करते हुए देखना उन्‍हें कैसा महसूस हुआ? सवाल पर इस बॉलीवुड एक्‍टर ने कहा, 'मुझे लगता है कि ज्‍यादातर केसों में आलोचना जायज थी और सरकार के लिए यह महत्‍वपूर्ण है कि वह ऐसा काम करे जिसके लिए लोगों ने उसे चुना है. मुझे लगता है कि केवल संवेदनहीन व्‍यक्ति ही ऐसे हालातों से अप्रभावित होगा.. बहते हुए शव लेकिन दूसरी राजनीतिक पार्टी के लिए इसे फायदे के लिए इस्‍तेमाल करना भी ठीक नहीं है.'

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उन्‍होंने कहा, 'नागरिक के तौर पर हमें नाराज होना चाहिए..यह जरूरी है कि जो कुछ हुआ, उसके लिए सरकार को जवाबदेह ठहराया जाए.' 66 वर्षीय  एक्‍टर अनुपम की यह टिप्‍पणी अप्रत्‍याशित ही मानी जा सकती हैं, उनकी पत्‍नी किरण खेर बीजेपी सांसद हैं. गौरतलब है कि कोविड के हालात को नियंत्रित करने में सरकार की कथित नाकामी के बीच दो सप्‍ताह पहले ही अनुपम खेर को इस कमेंट 'आएगा तो मोदी ही' के लिए आलोचकों की खरीखोटी सुननी पड़ी थी. गौरतलब है कि कोरोना के दूसरी लहर के कारण देश की स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं पर भारी दबाव पड़ा है और बड़े शहरों के ज्‍यादातर अस्‍पताल बेड और ऑक्‍सीजन की कमी का सामना कर रहे हैं. अनुपम उन सेलिब्रिटीज में हैं जिन्‍होंने लोगों को राहत पहुंचाने के लिए प्रयास किए हैं. "Heal India" इनीशिएटिव (पहल) के जरिये वे उन लोगों को मदद पहुंचाने की कोशिश में जुटे हैं जिन्‍होंने वेंटीलेटर और ऑक्‍सीजन concentrators की जरूरत है.