अपनी कनिष्ठ महिला पत्रकार का यौन उत्पीड़न करने के आरोप से घिरे 'तहलका' के प्रमुख संपादक तरुण तेजपाल के खिलाफ गोवा सरकार ने जांच के आदेश जारी किए हैं।
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने एनडीटीवी से कहा, हमने प्रारंभिक जांच के आदेश दिए हैं और अगर आरोप सही पाए गए तो पुलिस केस दर्ज करेगी।
वहीं, राज्य पुलिस ने होटल ग्रैंड हयात से कहा है कि घटना के दिन की सीसीटीवी फुटेज को संभालकर रखा जाए। अपने 'बॉस' तथा 'तहलका' पत्रिका के सम्पादक तरुण तेजपाल पर योन शोषण करने का आरोप लगाने वाली महिला पत्रकार का कहना है कि उसे पूरे मामले पर 'तहलका' की प्रतिक्रिया से 'बेहद निराशा' हुई है। महिला पत्रकार ने एनडीटीवी से कहा, "यह दावा भी झूठा है कि 'तहलका' के अन्य पत्रकार संतुष्ट हैं, क्योंकि उन्होंने मेरे बयान को 'तहलका' कार्यालय में सार्वजनिक नहीं किया, सिर्फ तरुण के 'प्रायश्चित्त पत्र' को ही सार्वजनिक किया..."
दूसरी ओर, महिला अधिकारों के लिए काम करने वाली कार्यकर्ताओं ने 'तहलका' के सम्पादक पद, तथा कार्यालय से छह माह के लिए खुद को अलग कर लेने के निर्णय को अनुचित तथा कतई नाकाफी बताया है। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की निर्मला सामंत ने कहा, "यह सही नहीं है कि कोई अपने ही किसी कृत्य के लिए खुद को दंडित करे... उसके लिए हमारे पास न्यायपालिका है..."
समाचार-पत्रिका के प्रबंध-सम्पादक शोमा चौधरी ने आज कहा कि हम पीड़ित लड़की के संपर्क में हैं। हमें कार्रवाई के लिए वक्त थोड़ा वक्त चाहिए। हम उचित कार्रवाई करेंगे। अगर तुरंत प्रतिक्रिया के लिए उन पर दबाव डाला गया, तो वह और तहलका लड़खड़ा सकते हैं। शोमा चौधरी ने कहा कि वह इस मामले से जुड़े सभी पहलुओं पर कार्रवाई करेंगी। उन्होंने कहा कि वह इस मामले में पीड़ित पत्रकार के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले पर अपने दफ्तर के सहयोगियों से बातचीत के बाद वह आगे कार्रवाई करेंगी। राष्ट्रीय महिला आयोग का कहना है कि पीड़िता के आरोप गंभीर हैं और वह संबंधित विभाग से मामले पर हुई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगेगी।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं