
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया.
नई दिल्ली:
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा दायर मानहानि मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी को सरकारी खजाने से 3.42 करोड़ रुपये भुगतान करने की सिफारिश पर राजनीति में आम आदमी पार्टी नेता घिरते से जा रहे हैं.
दिल्ली की तीनों नगर निगम के चुनावों से ठीक पहले बीजेपी ने इसे चुनावी मुद्दा बना दिया है. बीजेपी नेता इसी भ्रष्टाचार और लोगों के साथ धोखा करार दे रहे हैं वहीं, आम आदमी पार्टी इस लड़ाई को दिल्ली सरकार की लड़ाई बताने की कोशिश में लगी है.
आम आदमी के प्रवक्ता और इस केस में एक आरोपी राघव चड्ढा ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि यह मामला केजरीवाल का अपना मामला नहीं है, बल्कि यह मामला दिल्ली सरकार का है. यह अलग बात है कि जब उनसे यह पूछा गया कि राम जेठमलानी के साथ क्या दिल्ली सरकार ने कोई करार किया था. तब वह मामले को दिल्ली सरकार का बताने लगे. जब उनसे कहा गया कि केजरीवाल खुद हलफनामा देकर कोर्ट में कहा था कि यह निजी मामला है तो उनका तर्क था कि अरुण जेटली ने कहा है कि केजरीवाल मुख्यमंत्री हैं और उन्होंने यह बयान दिया है. वहीं यह भी गौर करने की बात है कि मार्च महीने में अरुण जेटली से कोर्ट में राम जेठमलानी ने जिरह की थी जिसमें यह बात जेटली ने कही थी. जबकि राम जेठमलानी में 1 दिसंबर 2016 को ही चिट्ठी लिखकर दिल्ली सरकार से अपनी फीस देनी की बात कही थी.
इस पूरे मामले में बीजेपी नेता और दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि उन्होंने एलजी से इस पूरे मामले में जांच करने की मांग की है. वहीं, यह भी खबर है कि इस पूरे मामले की फाइल अभी तक एलजी के पास नहीं भेजी गई. इस पूरे मामले में केवल एक नोट एलजी को भेजा गया है. गौरतलब है कि एक चिट्ठी में दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने लिखा है कि इस फाइल को उपराज्यपाल को नहीं भेजा जाए. बाद में एक नोट उपराज्यपाल के दफ्तर को भेजी गई.
दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल पहले बिना किसी सुबूत के बड़ी हस्तियों पर अपमानजनक बयान देकर उनकी मानहानि करते हैं. मामला जब अदालत में चला जाता है तो स्वयं को जेल जाने से बचाने के लिए दिल्लीवासियों के टैक्स का पैसा मुकदमा लड़ने पर खर्च करने की कोशिश करते हैं. आप के कई बड़े नेताओं पर मुकदमे चल रहे हैं. इन्हें बचाने के लिए केजरीवाल सरकार नैतिकता के सभी मानको का उल्लंघन कर रही है, इसलिए भाजपा के तीनों विधायक उपराज्यपाल से मिलकर केजरीवाल सरकार के अराजक फैसले और जनता के धन का दुरुपयोग रोकने की मांग करेंगे. यह दिल्लीवासियों के टैक्स के पैसे की लूट है. दिल्लीवासियों को मिलकर इसे रोकना होगा.
दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्लीवासियों के टैक्स का पैसा किसी को लुटाने की इजाजत नहीं दी जाएगी. इसके खिलाफ भाजपा किसी भी हद तक जा सकती है. वहीं, भाजपा विधायक बुधवार को लेकर उपराज्यपाल अनिल बैजल से मिले हैं.
मनोज तिवारी ने कहा कि जिस पैसे से झुग्गी बस्तियों में पानी और सीवर की सुविधा मिलनी चाहिए, उसे केजरीवाल अपने वकील की फीस और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रचार प्रसार पर खर्च कर रहे हैं.
दिल्ली की तीनों नगर निगम के चुनावों से ठीक पहले बीजेपी ने इसे चुनावी मुद्दा बना दिया है. बीजेपी नेता इसी भ्रष्टाचार और लोगों के साथ धोखा करार दे रहे हैं वहीं, आम आदमी पार्टी इस लड़ाई को दिल्ली सरकार की लड़ाई बताने की कोशिश में लगी है.
आम आदमी के प्रवक्ता और इस केस में एक आरोपी राघव चड्ढा ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि यह मामला केजरीवाल का अपना मामला नहीं है, बल्कि यह मामला दिल्ली सरकार का है. यह अलग बात है कि जब उनसे यह पूछा गया कि राम जेठमलानी के साथ क्या दिल्ली सरकार ने कोई करार किया था. तब वह मामले को दिल्ली सरकार का बताने लगे. जब उनसे कहा गया कि केजरीवाल खुद हलफनामा देकर कोर्ट में कहा था कि यह निजी मामला है तो उनका तर्क था कि अरुण जेटली ने कहा है कि केजरीवाल मुख्यमंत्री हैं और उन्होंने यह बयान दिया है. वहीं यह भी गौर करने की बात है कि मार्च महीने में अरुण जेटली से कोर्ट में राम जेठमलानी ने जिरह की थी जिसमें यह बात जेटली ने कही थी. जबकि राम जेठमलानी में 1 दिसंबर 2016 को ही चिट्ठी लिखकर दिल्ली सरकार से अपनी फीस देनी की बात कही थी.
इस पूरे मामले में बीजेपी नेता और दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि उन्होंने एलजी से इस पूरे मामले में जांच करने की मांग की है. वहीं, यह भी खबर है कि इस पूरे मामले की फाइल अभी तक एलजी के पास नहीं भेजी गई. इस पूरे मामले में केवल एक नोट एलजी को भेजा गया है. गौरतलब है कि एक चिट्ठी में दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने लिखा है कि इस फाइल को उपराज्यपाल को नहीं भेजा जाए. बाद में एक नोट उपराज्यपाल के दफ्तर को भेजी गई.
दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल पहले बिना किसी सुबूत के बड़ी हस्तियों पर अपमानजनक बयान देकर उनकी मानहानि करते हैं. मामला जब अदालत में चला जाता है तो स्वयं को जेल जाने से बचाने के लिए दिल्लीवासियों के टैक्स का पैसा मुकदमा लड़ने पर खर्च करने की कोशिश करते हैं. आप के कई बड़े नेताओं पर मुकदमे चल रहे हैं. इन्हें बचाने के लिए केजरीवाल सरकार नैतिकता के सभी मानको का उल्लंघन कर रही है, इसलिए भाजपा के तीनों विधायक उपराज्यपाल से मिलकर केजरीवाल सरकार के अराजक फैसले और जनता के धन का दुरुपयोग रोकने की मांग करेंगे. यह दिल्लीवासियों के टैक्स के पैसे की लूट है. दिल्लीवासियों को मिलकर इसे रोकना होगा.
दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्लीवासियों के टैक्स का पैसा किसी को लुटाने की इजाजत नहीं दी जाएगी. इसके खिलाफ भाजपा किसी भी हद तक जा सकती है. वहीं, भाजपा विधायक बुधवार को लेकर उपराज्यपाल अनिल बैजल से मिले हैं.
मनोज तिवारी ने कहा कि जिस पैसे से झुग्गी बस्तियों में पानी और सीवर की सुविधा मिलनी चाहिए, उसे केजरीवाल अपने वकील की फीस और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रचार प्रसार पर खर्च कर रहे हैं.
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