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This Article is From Feb 17, 2013

रिटर्न नहीं भरने के चलते 2,171 प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने पर रोक

नई दिल्ली: स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित कराने और धनबल के इस्तेमाल पर रोक लगाने की कवायद के तहत चुनाव आयोग ने संसद एवं विधानसभ चुनाव लड़ने के दौरान हुए खर्च का ब्यौरा नहीं देने के मद्देनजर 2,171 प्रत्याशियों को अयोग्य ठहरा दिया है।

इन उम्मीदवारों पर आयोग की ओर से अयोग्य ठहराये जाने की तिथि से तीन वर्षों तक रोक लगी रहेगी और यह पाबंदी अधिकतम जनवरी, 2016 तक रहेगी।

यह कदम चुनाव आयोग के वित्तीय पारदर्शिता कायम करने और चुनाव प्रक्रिया में जवाबदेही तय करने के प्रयास का हिस्सा है। इस सूची में महाराष्ट्र से सबसे अधिक 260 उम्मीदवारों को आयोग्य ठहराया गया है, जबकि छत्तीसगढ़ से 259, हरियाणा से 197, ओडिशा से 188 और मध्य प्रदेश से 179 प्रत्याशियों को अयोग्य ठहराया गया है। उत्तर प्रदेश से 159, झारखंड से 118 और तमिलनाडु से 97 प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाई गई है।

संसदीय सीटों के लिहाज से उत्तर प्रदेश से सबसे अधिक 158 उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाई गई है, जबकि राज्य विधानसभा के लिहाज से छत्तीसगढ़ से सबसे अधिक 240 उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाई गई है। चुनाव परिणाम घोषित होने के 30 दिनों के भीतर चुनावी खर्च का ब्यौरा नहीं देने के मद्देनजर इन सभी उम्मीदवारों को जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 8ए तथा 11ए (2) और 10 ए के तहत अयोग्य ठहराया गया। इनमें से अधिकतर उम्मीदवार गंभीर प्रत्याशी नहीं थे, जबकि कुछ प्रत्याशियों ने चुनावी खर्च का ब्यौरा जमा किया, लेकिन यह उपयुक्त प्रारूप में नहीं था।

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