वाशिंगटन:
भारत के 65 सांसदों ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिकी वीज़ा नहीं दिए जाने की अपील राष्ट्रपति ओबामा से की है।
इस चिट्ठी में सीपीआई सांसद सीताराम येचुरी के भी साइन हैं लेकिन येचुरी का कहना है कि उन्होंने ऐसी किसी चिट्ठी पर साइन नहीं किए हैं। येचुरी ने कहा कि किसी दूसरे देश के राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखना उनकी फितरत नहीं है और वह कभी नहीं चाहेंगे कि भारत के मामलों में दूसरे दखल दें।
येचुरी ने कहा कि ऐसे मुद्दों को देश में ही सुलझाना चाहिए। उन्होंने आशंका जताई कि किसी ने उनके साइन को चिट्ठी में कट पेस्ट कर दिया है।
सांसदों ने ओबामा से पत्र लिखकर पूछा है कि क्या उनकी सरकार ने इस तरह के व्यक्तियों के खिलाफ अपनी नीति में बदलाव किया है, जिसे 2002 के सांप्रदायिक दंगों सहित कई मामलों में न्यायालय ने दोषमुक्त नहीं किया हो।
इस अभियान की पहल करने वाले राज्यसभा में सांसद निर्दलीय मोहम्मद अदीब ने मंगलवार को बताया, "अमेरिकी सरकार ने दंगों के दौरान हत्याएं करवाने तथा मानवाधिकार उल्लंघन के आधार पर 2002 में मोदी को वीजा देने से इनकार कर दिया था। हमने उनसे पूछा है कि क्या अमेरिका ने अपनी नीति बदल दी है।"
उत्तर प्रदेश के एक सांसद के अनुसार, पिछले वर्ष अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ-साथ इंग्लैंड के प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र को रविवार को फिर से अमेरिकी राष्ट्रपति के पास भेजा गया।
इस समय अमेरिका की यात्रा पर गए राजनाथ सिंह ने कहा कि वह इस मुद्दे को वाशिंगटन में अमेरिकी कानून निर्माताओं को समक्ष रखेंगे। सिंह ने इसके साथ ही आशा व्यक्त की कि अमेरिका जल्द ही मोदी के वीजा पर लगे प्रतिबंध को हटा लेगा।
इस चिट्ठी में सीपीआई सांसद सीताराम येचुरी के भी साइन हैं लेकिन येचुरी का कहना है कि उन्होंने ऐसी किसी चिट्ठी पर साइन नहीं किए हैं। येचुरी ने कहा कि किसी दूसरे देश के राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखना उनकी फितरत नहीं है और वह कभी नहीं चाहेंगे कि भारत के मामलों में दूसरे दखल दें।
येचुरी ने कहा कि ऐसे मुद्दों को देश में ही सुलझाना चाहिए। उन्होंने आशंका जताई कि किसी ने उनके साइन को चिट्ठी में कट पेस्ट कर दिया है।
सांसदों ने ओबामा से पत्र लिखकर पूछा है कि क्या उनकी सरकार ने इस तरह के व्यक्तियों के खिलाफ अपनी नीति में बदलाव किया है, जिसे 2002 के सांप्रदायिक दंगों सहित कई मामलों में न्यायालय ने दोषमुक्त नहीं किया हो।
इस अभियान की पहल करने वाले राज्यसभा में सांसद निर्दलीय मोहम्मद अदीब ने मंगलवार को बताया, "अमेरिकी सरकार ने दंगों के दौरान हत्याएं करवाने तथा मानवाधिकार उल्लंघन के आधार पर 2002 में मोदी को वीजा देने से इनकार कर दिया था। हमने उनसे पूछा है कि क्या अमेरिका ने अपनी नीति बदल दी है।"
उत्तर प्रदेश के एक सांसद के अनुसार, पिछले वर्ष अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ-साथ इंग्लैंड के प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र को रविवार को फिर से अमेरिकी राष्ट्रपति के पास भेजा गया।
इस समय अमेरिका की यात्रा पर गए राजनाथ सिंह ने कहा कि वह इस मुद्दे को वाशिंगटन में अमेरिकी कानून निर्माताओं को समक्ष रखेंगे। सिंह ने इसके साथ ही आशा व्यक्त की कि अमेरिका जल्द ही मोदी के वीजा पर लगे प्रतिबंध को हटा लेगा।
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