
जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की फाइल फोटो
श्रीनगर:
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने घाटी में स्थानीय अखबारों पर प्रतिबंध को लेकर खेद जताया और कहा कि सरकार ने जानबूझकर ऐसा नहीं किया, बल्कि संवाद में कमी के कारण ऐसा हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अखबारों के प्रकाशन पर प्रतिबंध लगाने का सरकार ने जानबूझकर कोई प्रयास नहीं किया, बहरहाल संवाद की कमी के कारण जो भी हुआ वह खेदजनक है। एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि स्थानीय अखबारों के संपादकों और मालिकों से बातचीत के दौरान उन्होंने यह बात कही। संपादकों और मालिकों ने प्रकाशनों को बहाल करने और कानून-व्यवस्था की वर्तमान स्थिति के मद्देनजर स्थानीय मीडिया के समक्ष आ रहे अन्य मुद्दों पर उनसे मुलाकात की।
प्रवक्ता ने कहा कि महबूबा ने संपादकों और मालिकों को आश्वासन दिया कि सरकार पत्रकारों और अखबार के अन्य कर्मियों को अधिकतम सुचारू आवागमन की अनुमति देगी ताकि वे निर्बाध रूप से अपना पेशेवर काम कर सकें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने संपादकों-मालिकों को आश्वस्त किया कि 'राज्य सरकार किसी भी कीमत पर मीडिया की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध है।'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मुख्यमंत्री ने कहा कि अखबारों के प्रकाशन पर प्रतिबंध लगाने का सरकार ने जानबूझकर कोई प्रयास नहीं किया, बहरहाल संवाद की कमी के कारण जो भी हुआ वह खेदजनक है। एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि स्थानीय अखबारों के संपादकों और मालिकों से बातचीत के दौरान उन्होंने यह बात कही। संपादकों और मालिकों ने प्रकाशनों को बहाल करने और कानून-व्यवस्था की वर्तमान स्थिति के मद्देनजर स्थानीय मीडिया के समक्ष आ रहे अन्य मुद्दों पर उनसे मुलाकात की।
प्रवक्ता ने कहा कि महबूबा ने संपादकों और मालिकों को आश्वासन दिया कि सरकार पत्रकारों और अखबार के अन्य कर्मियों को अधिकतम सुचारू आवागमन की अनुमति देगी ताकि वे निर्बाध रूप से अपना पेशेवर काम कर सकें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने संपादकों-मालिकों को आश्वस्त किया कि 'राज्य सरकार किसी भी कीमत पर मीडिया की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध है।'
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