
बिहार (Bihar Crimes) में पिछले एक हफ्ते के दौरान कई हाई प्रोफाइल हत्याकांड के कारण राज्य में अपराधों की स्थिति को लेकर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं. ऐसे ही सवालों से घिरे बिहार के पुलिस महानिदेशक (DGP) एसके सिंघल ने अपना दामन साफ दिखाने और पहले के वर्षों दौरान अपराधों का आंकड़ा देते हुए बिहार के पुलिस प्रशासन और BJP-JDU सरकार को ही कठघरे में खड़ा कर दिया.
सिंघल ने दावा किया कि बिहार (Bihar Crimes) में सब तरह के अपराध पिछले कुछ वर्षों में कम हुए हैं, लेकिन उनके अनुसार 2019 में हर तरह के अपराध में बढ़ोतरी हुई, लेकिन मीडिया वाले उसकी चर्चा नहीं करते. दरअसल उनका इशारा पूर्व पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय की तरफ़ जा रहा है. उनके कार्यकाल में अपराध की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई लेकिन उनके अनुसार मीडिया में इसे तूल नहीं दिया जाता है.सिंघल पर मीडियाकर्मियों से बात न करने और उनका फोन न उठाने का आरोप भी लगा था. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वयं उनसे बात कर संवाद कायम करने को कहा था.
बिहार के डीजीपी सिंघल साहेब को सुनिए ।उनके अनुसार 2019 में क्राइम डेटा के अनुसार सब तरह के अपराध में बढ़ोतरी हुई लेकिन मीडिया चर्चा नहीं करती । आज के पहले किसी पद पर बैठे डीजीपी ने पूर्व के अपने बॉस को ऐसे बेज़्ज़त करने की कोशिश नहीं की ।@ndtvindia @Anurag_Dwary pic.twitter.com/HAHprbs48z
— manish (@manishndtv) January 16, 2021
बिहार के डीजीपी (Bihar DGP Sk Singhal) ने अपराध के हर क्षेत्र में कमी आने का दावा करते हुए राज्य को सबसे बेहतर बताया. उन्होंने कहा कि हर साल दर साल अपराध में हमने कमी पाई है. हर माह भी अपराध का ग्राफ गिर रहा है, लेकिन 2019 में अपराध का ग्राफ बढ़ा, लेकिन उसकी कोई चिंता नहीं करता. सिंघल ने कहा कि अगर पुलिस प्रशासन में कोई कमी हो तो उसे स्वीकार करने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि ज्यादातर अपराध के आरोपियों को 24 से 48 घंटे में पकड़ लिया जाता है.
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