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This Article is From Aug 04, 2017

चोटी गैंग : सच या सिर्फ दहशत? ऐसी 5 घटनाएं जिनका सच से नहीं निकला कुछ लेना देना...

चोटी कटने की घटनाओं को लेकर यह तय कर पाना मुश्किल हो पा रहा है कि यह पूरी तरह से कोरी अफवाह है या फिर यह वाकई एक सोची समझी खुराफाती साजिश काे तहत किया जा रहा है.

चोटी गैंग : सच या सिर्फ दहशत? ऐसी 5 घटनाएं जिनका सच से नहीं निकला कुछ लेना देना...
चोटी गैंग : सच या सिर्फ दहशत? ऐसी 5 घटनाएं जिनका सच से नहीं कुछ लेना देना... (प्रतीकात्मक फोटो)
नई दिल्ली: राजस्थान के बाद हरियाणा के झज्जर, मेवात, रोहतक जिले और अब गुरुग्राम और दिल्ली... चोटी गैंग का कहर और दहशत जारी है. चोटी गैंग महिलाओं की चोटी काट देता है. पुलिस इन मामलों की जांच कर रही है लेकिन न तो कुछ सुराग मिल रहा है और न ही कोई प्रत्यक्षदर्शी. ऐसे में चोटी कटने की घटनाओं को लेकर यह तय होना मुश्किल हो पा रहा है कि यह पूरी तरह से कोरी अफवाह है और अपराधियों का कोई ऐसा गैंग नहीं है या फिर यह वाकई एक सोची समझी खुराफाती साजिश काे तहत किया जा रहा है. सवाल यह भी है कि यदि इसके पीछे किसी गैंग का हाथ है तो वह ऐसा क्यों कर रहा है... वहीं यूपी पुलिस ने अलर्ट जारी कर कहा है कि यह सब अफवाह है, इसमें कोई गैंग शामिल नहीं.

आइए नज़र डालें ऐसी घटनाओं पर जिन्हें अंतत: भ्रामक कहा गया: 

1- नब्बे के दशक में वे लोग जो किशोर वय: या उससे ऊपर की आयु के थे, उन्हें याद होगा हिन्दुओं के देवता गणेश की मूर्तियों द्वारा दूध पीने की बातें सामने आई थीं. यह खबर फैल गई थी कि गणेश की प्रतिमा दूध पी रही है. आलम यह था कि देशभर में लाखों लोगों ने इसे ट्राई करना शुरू कर दिया. यह सितंबर 1995 की सुबह भगवान गणेश की मूर्ति के चम्मच से दूध पीने की खबर बहुत तेजी से फैली. 

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2- साल 2001 में 'मंकी मैन' की अफवाह ने जोर पकड़ा. दिल्ली में सैकड़ों लोगों पर मंकी मैन ने कथित रूप से हमला किया. हालांकि लोग दावा करते कि उन्होंने मंकीमैन को दौड़ते भागते और छतों को लांघते दूर से देखा है. बीबीसी हिन्दी की रिपोर्ट के मुताबिक यह पूरा मामला अफवाह का मामला साबित हुआ. 

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3- साल 2002 में उत्तर प्रदेश में मुंहनोचवा का खौफ फैला हुआ था. कहा जा रहा था कि एक आदमी जिसका मुंह जानवर जैसा है वह लोगों के मुंह नोंचकर चला जाता है और जिसके भी मुंह पर वह हमला करता है, उसके जख्म हो जाते हैं जो कभी ठीक नहीं होते. आदमी की मृत्यु तक होने की बातें कही गईं. इसे पुलिस प्रशासन अफवाह करार देती रही और लोगों को समझाती रही.

4- साल 2006 में एक दिन अचानक हजारों लोग मुंबई के एक समुद्र तट पर जुटने लगे. मोबाइल से लेकर ईमेल के जरिए लोगों तक यह खबर पहुंचने लगी कि शहर का समुद्र का पानी मीठा हो गया है और यह पूरी भीड़ इस मीठे पानी का टेस्ट लेने और भरकर ले जाने के लिए उमड़ पड़ी थी. 

5- साल 2016 में नोटबंदी के दौरान अचानक यह खबर उड़ने लगी कि बाजार से नमक खत्म हो रहा है. इसके लिए कहा गया कि नमक की किल्लत हो गई है और यह जल्द ही 1000 रुपये किलो में मिलेगा और हो सकता है कि मिलना ही बंद होद जाए. अफवाह यूपी, दिल्ली, हरियाणा तक फैली. अफवाह के बाद दुकानों पर नमक खरीदने वालों की लंबी लाइनें लग गईं. जबकि, असल में ऐसी कोई किल्लत नहीं थी.

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