प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
अमेरिका की प्रमुख विमान कंपनी बोइंग ने मंगलवार को कहा कि उसका एफ / ए -18 सुपर हर्नोट लड़ाकू विमान से भारत को अपने वैमानिक उद्योग के मौजूदा परिवेश को विस्तृत करने में मदद मिल सकती है. कंपनी के अनुसार इस लड़ाकू विमान का उपयोग भारत अपने आधुनिक मध्यम लड़ाकू विमान कार्यक्रम में कर सकता है. बोइंग इंडिया के उपाध्यक्ष थॉम ब्रेकनरिज ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि बोइंग के मौजूदा एफ / ए -18 उत्पादन में 60000 लोगों को रोजगार मिला हुआ है और इसके लिए सामान व कल पुर्जों आदि की आपूर्ति में 800 इकाइयां जुड़ी हैं.
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कंपनी भारतीय वायुसेना के लिए लड़ाकू विमानों की आपूर्ति के लिए बोली लगाना चाहती है. गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना के 110 लड़ाकू विमानों के ठेके को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने हाल ही में महिंद्रा डिफेंस सिस्टम तथा सार्वजनिक कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स ( एचयूएल ) से गठजोड़ किया है. यह पहल एफ / ए -18 सुपर हर्नोट लड़ाकू विमानों के भारत में उत्पादन के लिए की गई है.
ब्रेकनरिज ने कहा कि सुपर होर्नेट ऐसा विमान है जिसमें निरंतर सुधार किया जाता रहा है ताकि यह भविष्य की चुनौतियों के लिए पहले से तैयर रहे. (इनपुट भाषा से)
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ब्रेकनरिज ने कहा कि सुपर होर्नेट ऐसा विमान है जिसमें निरंतर सुधार किया जाता रहा है ताकि यह भविष्य की चुनौतियों के लिए पहले से तैयर रहे. (इनपुट भाषा से)