बीजेपी की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कूच बिहार जिले में सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन के लिए भोजन कक्षों के निर्माण का निर्देश देने के लिए राज्य सरकार की निंदा की है. इन स्कूलों में 70 प्रतिशत से अधिक अल्पसंख्यक छात्र पढ़ते है. उन्होंने सवाल खड़ा किया कि क्या इस कदम के पीछे कोई 'नापाक मकसद' है. घोष ने अपने ट्विटर हैंडल पर परिपत्र की एक प्रति अपलोड करते हुए लिखा, 'पश्चिम बंगाल सरकार ने एक परिपत्र जारी किया है जिसके तहत उसने स्कूल प्रशासन को निर्देश दिये है कि जिन विद्यालयों में 70 प्रतिशत या उससे अधिक छात्र मुस्लिम समुदाय के हैं, उनके लिए एक अलग भोजन कक्ष बनाने के साथ ही बैठने की व्यवस्था की जाए.'
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1.1 The West Bengal Government has issued a circular whereby it has directed the school authorities where 70 % or more students are from the Muslim community to reserve a dining hall with seating arrangements for them. pic.twitter.com/cwYQWngDtW
— Dilip Ghosh (@DilipGhoshBJP) June 27, 2019
इस संबंध में किसी भी सरकारी अधिकारी से तत्काल प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है. उन्होंने पूछा कोई धर्म के आधार पर छात्रों के बीच यह भेदभाव क्यों? क्या इस भेदभाव वाले कदम के पीछे कोई बदनीयत छुपी है? एक और साजिश?
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1.2 Why this discrimination between the students on the basis of religion? Is there some other malafide motive behind this segregation?
— Dilip Ghosh (@DilipGhoshBJP) June 27, 2019
Another conspiracy ?
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बता दें कि ममता बनर्जी सरकार ने यह आदेश ऐसे समय पर जारी किया है जब टीएमसी और मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी के बीच राजनीतिक तनाव चरम पर है. बीजेपी ममता सरकार पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाती रही है. लोकसभा चुनाव में बीजेपी के शानदार प्रदर्शन के बाद राज्य में हिंसा की कई घटनाएं हुई हैं और उसमें दोनों ही दलों के कई कार्यकर्ता मारे गए हैं.
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