
बिहार (Bihar) और झारखंड (Jharkhand) दोनो राज्यों के लाखों लोग देश के कई राज्यों में फंसे हैं. इनमें अधिकांश प्रवासी मजदूर और छात्र-छात्राएं शामिल हैं. केंद्र सरकार की ओर से अनुमति मिलने के बाद अब फंसे लोगों को उनके राज्य तक पहुंचाने का काम शुरू हो गया है. हालांकि, अधिकांश लोगों की दिक्कत हैं कि उन्हें पता नहीं कि वापसी के लिए घर जाने वाली ट्रेन में वो कैसे बैठ पाएंगे. इसे देखते हुए शनिवार शाम को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने ट्वीट कर लोगों के लिए एक फ़ॉर्म जारी किया.
सोरेन ने अपने ट्वीट में लिखा, "साथियों, प्रवासी श्रमिकों के झारखण्ड वापसी हेतु हमने पंजीकरण की व्यवस्था की है. नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर आप यह प्रपत्र भर सकते हैं. साथ ही आप हेल्पलाइन के नम्बरों पर भी फ़ोन कर सकते हैं. हम आपके सकुशल झारखण्ड वापसी हेतु हर सम्भव प्रयास कर रहें हैं.
साथियों,
— Hemant Soren (घर में रहें - सुरक्षित रहें) (@HemantSorenJMM) May 2, 2020
प्रवासी श्रमिकों के झारखण्ड वापसी हेतु हमने पंजीकरण की व्यवस्था की है। नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर आप यह प्रपत्र भर सकते हैं। साथ ही आप हेल्प लाइन के नम्बरों पर भी फ़ोन कर सकते हैं।
हम आपके सकुशल झारखण्ड वापसी हेतु हर सम्भव प्रयास कर रहें हैं।https://t.co/dRoxr02yss
वहीं, बिहार के आपदा राहत विभाग ने अपने सारे नम्बर जारी किये, जिस पर संपर्क कर लोग अपने वापस लौटने का इंतज़ाम कर सकते हैं.
कोरोनावायरस की चेन को तोड़ने के मद्देनजर सरकार ने लॉकडाउन को बढ़ाकर 17 मई कर दिया है. साथ ही सरकार ने विभिन्न राज्यों में फंसे श्रमिकों और अन्य को उनके गृह राज्य में पहुंचाने की व्यवस्था करने की अनुमति दे दी है. सरकार ने पहले फंसे लोगों को उनके राज्यों तक भेजने के लिए सिर्फ बसों की अनुमति दी थी, लेकिन राज्य सरकारों के अनुरोध के बाद विशेष ट्रेनों की अनुमति दी गई.
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