
प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) ने शहर में खुले में शौच करने वालों पर 50 रूपये का जुर्माना लगाने का फैसला किया है. नगर निगम के अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि यह निर्णय बीएमसी की बैठक में लिया गया. जुर्माना स्थानीय वार्ड स्वच्छता समिति या स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगाया जाएगा. बीएमसी के मेयर ए एन जेना ने बताया कि शहर को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) बनाने के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में यह कदम उठाया गया है. जेना ने यह भी घोषणा की कि जुर्माने के संग्रह पर नए कानून के बारे में लोगों को जागरूक करने और पूरे शहर को साफ रखने के लिए पूरे शहर में जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जाएगा.
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गौरतलब है साल की शुरुआत में मुंबई नगर निगम ने भी अपने यहां कुछ ऐसा ही नियम लागू किया था. इसके तहत महाराष्ट्र में खुले में शौच करते पाए जाने पर पांच सौ रुपये का जुर्माना लगाया गया था. राज्य सरकार द्वारा तैयार किये गए नये नियमों में यह बात कही गई थी. इतना ही नहीं, सरकार ने सार्वजनिक स्थलों पर कचरा फेंकने, थूकने और मूत्र त्याग करने पर भी जुर्माना की दरें तय की थी.राज्य के शहरी विकास विभाग द्वारा जारी एक शासकीय निर्णय में कहा गया था कि सरकार ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन अधिनियम, 2016 के प्रावधानों के तहत नगर निगमों और परिषदों को तत्काल प्रभाव से लोगों और संस्थानों पर जुर्माना लगाने की शक्ति दी है.
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नगर निकायों के लिये ए, बी, सी और डी श्रेणी के लिये जुर्माना समान है. शासकीय निर्णय (जीआर) में कहा गया था कि अब से कोई व्यक्ति या संस्थान कचरा, गंदगी या अपशिष्ट सामग्री सड़कों और राजमार्गों पर फेंकने का दोषी पाया जाता है तो उसे 150 से 180 रुपये का जुर्माना अदा करना होगा.‘गंदा’ शब्द में सभी तरह के अपशिष्ट उत्पाद शामिल हैं. इसमें कहा गया है कि सार्वजनिक स्थल पर थूकते हुए कोई भी पाया जाएगा तो उसपर 100 से 150 रुपये के बीच जुर्माना लगाया जाएगा.
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दस्तावेज में कहा गया है कि सार्वजनिक स्थल पर मूत्र त्याग करते पाए जाने पर 100 से 200 रुपये के बीच जुर्माना लगाया जाएगा जबकि खुले में शौच करते पाए जाने पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. (इनपुट भाषा से)
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गौरतलब है साल की शुरुआत में मुंबई नगर निगम ने भी अपने यहां कुछ ऐसा ही नियम लागू किया था. इसके तहत महाराष्ट्र में खुले में शौच करते पाए जाने पर पांच सौ रुपये का जुर्माना लगाया गया था. राज्य सरकार द्वारा तैयार किये गए नये नियमों में यह बात कही गई थी. इतना ही नहीं, सरकार ने सार्वजनिक स्थलों पर कचरा फेंकने, थूकने और मूत्र त्याग करने पर भी जुर्माना की दरें तय की थी.राज्य के शहरी विकास विभाग द्वारा जारी एक शासकीय निर्णय में कहा गया था कि सरकार ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन अधिनियम, 2016 के प्रावधानों के तहत नगर निगमों और परिषदों को तत्काल प्रभाव से लोगों और संस्थानों पर जुर्माना लगाने की शक्ति दी है.
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नगर निकायों के लिये ए, बी, सी और डी श्रेणी के लिये जुर्माना समान है. शासकीय निर्णय (जीआर) में कहा गया था कि अब से कोई व्यक्ति या संस्थान कचरा, गंदगी या अपशिष्ट सामग्री सड़कों और राजमार्गों पर फेंकने का दोषी पाया जाता है तो उसे 150 से 180 रुपये का जुर्माना अदा करना होगा.‘गंदा’ शब्द में सभी तरह के अपशिष्ट उत्पाद शामिल हैं. इसमें कहा गया है कि सार्वजनिक स्थल पर थूकते हुए कोई भी पाया जाएगा तो उसपर 100 से 150 रुपये के बीच जुर्माना लगाया जाएगा.
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दस्तावेज में कहा गया है कि सार्वजनिक स्थल पर मूत्र त्याग करते पाए जाने पर 100 से 200 रुपये के बीच जुर्माना लगाया जाएगा जबकि खुले में शौच करते पाए जाने पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. (इनपुट भाषा से)
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