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This Article is From Aug 19, 2019

पुलवामा के बाद पाक के साथ पारंपरिक युद्ध के लिये तैयार थी सेना: सूत्र

सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना पाकिस्तान के साथ परंपरागत युद्ध के लिये तैयार थी और इसमें पाकिस्तानी सीमा के अंदर जाना भी शामिल था.

पुलवामा के बाद पाक के साथ पारंपरिक युद्ध के लिये तैयार थी सेना: सूत्र
सेना प्रमुख ने सरकार को अपने बल की तैयारियों के बारे में बताया था
नई दिल्ली:

पुलवामा हमले के बाद सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत ने सरकार के प्रमुख लोगों को स्पष्ट रूप से बता दिया था कि सेना पाकिस्तान की तरफ किए जाने वाले किसी भी जमीनी हमले से निपटने और दुश्मन की सीमा के भीतर युद्ध लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है, सेना के शीर्ष सूत्रों ने यह जानकारी दी है. सूत्रों ने पीटीआई भाषा को बताया कि भारतीय सेना पाकिस्तान के साथ परंपरागत युद्ध के लिये तैयार थी और इसमें पाकिस्तानी सीमा के अंदर जाना भी शामिल था. पुलवामा आतंकी हमले के बाद सरकार जब हवाई हमले करने समेत कई विकल्पों पर विचार कर रही थी तब सेना प्रमुख ने सरकार को अपने बल की तैयारियों के बारे में बताया था. 

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सूत्रों ने कहा कि जनरल रावत ने रिटायर हो रहे सैन्य अधिकारियों के एक ग्रुप से बंद कमरे में बातचीत के दौरान सोमवार को कहा कि बालाकोट हमले के बाद बल पाकिस्तानी सेना की तरफ से की जाने वाली किसी आक्रामकता से निपटने के लिए युद्धक रूप तैयार है. जनरल रावत की टिप्पणी की व्याख्या करते हुए सेना के एक अधिकारी ने कहा कि सेना प्रमुख यह कहना चाह रहे थे कि सेना युद्ध को पाकिस्तानी सीमा में ले जाने के लिये तैयार थी. सूत्रों ने कहा कि सितंबर 2016 में उरी आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने 11 हजार करोड़ रुपये के आयुध खरीद अनुबंधों को अंतिम रूप दिया था और उसे इसमें से 95 फीसद मिल भी चुके हैंय पुलवामा हमले के जवाब में भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान की सीमा में बालाकोट के निकट जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े आतंकी प्रशिक्षण समूह पर बमबारी की थी.

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पाकिस्तान ने इसके पलटवार में भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की कोशिश की लेकिन वायुसेना ने उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया था. सूत्रों ने कहा कि बीते करीब दो साल से ज्यादा के वक्त में भारतीय सेना ने अपने प्रमुख आयुध और गोला-बारूद उपलब्धता में काफी सुधार किया है, उन्होंने माना कि पहले उनकी कमी अहम मुद्दा होती थी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उरी हमले के बाद हथियार और आयुध की उपलब्धता में काफी सुधार हुआ है. पिछले साल मार्च में तीनों सेनाओं के उप प्रमुखों को अतिरिक्त वित्तीय शक्तियां प्रदान की गई थीं जिससे वे अभियानगत तैयारियों को सुनिश्चित करने के लिये खास खरीद सुनिश्चित कर सकें. पुलवामा आतंकी हमले के मद्देनजर सरकार ने तीनों सेनाओं को सरकार ने पाकिस्तान से लगने वाली सीमा पर अभियानगत तैयारियों को बढ़ाने के लिये हथियार और सैन्य साजो सामान खरीदने की आपात शक्तियां प्रदान की थीं. 

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