पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की. इस मुलाकात को दोनों के संबंधों में 'जमी बर्फ के पिघलने' का संकेत माना जा रहा है. राजभवन में दोनों के बीच एक घंटे तक चली इस बैठक में राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच क्या बात हुई, तत्काल इस बारे में ठीक-ठीक पता नहीं चल पाया है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि दोनों के बीच 'विभिन्न मुद्दों' पर चर्चा हुई. यह पहली बार है जब पिछले साल जुलाई में धनखड़ के पद संभालने के बाद से दोनों के बीच आमने-सामने की बात हुई है. धनखड़ ने बाद में ट्वीट किया, 'राजभवन में माननीय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से एक घंटे तक अत्यंत संतोषजनक बात हुई.' ममता बनर्जी की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
Had an extremely satisfying an hour long interaction with Hon'ble Chief Minister Mamata Bannerjee at Raj Bhawan @MamataOfficial pic.twitter.com/2mTEPJTaZa
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) February 17, 2020
धनखड़ पिछले साल दिसंबर से ही ममता बनर्जी के साथ बैठक की बात कर रहे थे, लेकिन यह संभव नहीं हो पाई क्योंकि सरकार हमेशा मुख्यमंत्री की अन्य व्यस्तताओं का हवाला देती रही. राज्य सरकार के साथ धनखड़ के संबंध तभी से द्वेषपूर्ण चले आ रहे हैं जब वह यादवपुर विश्वविद्यालय में धक्कामुक्की के शिकार हुए भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो को बचाने पहुंच गए थे. धक्कामुक्की की घटना वाले दिन सुप्रियो आरएसएस से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यक्रम को संबोधित करने विश्वविद्यालय पहुंचे थे.
राज्यपाल धनखड़ ने कहा, ''छात्रों के विरोध से मैं दुखी हूं, जो हुआ उससे मैं पूरी तरह से हिल गया''
राज्यपाल के कुलाधिपति होने के बावजूद कई विश्वविद्यालयों ने सरकार की खुलेआम आलोचना करने के चलते उन्हें अपने दीक्षांत समारोह में भी आमंत्रित नहीं किया था. पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार ने संबंधित नियमों में संशोधन कर विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में धनखड़ की शक्तियों में कटौती कर दी थी और यह भी सुनिश्चित किया था कि कुलाधिपति तथा कुलपतियों के बीच में सभी संवाद शिक्षा विभाग के माध्यम से हो.
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