अधिकारियों की एक नई टीम ने गुजरात के अहमदाबाद के प्रशासन का कार्यभार संभाला है. अहमदाबाद में कल आधी रात से ही पूरी तरह से लॉकडाउन लागू कर दिया गया है. कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह आपातकालीन कदम उठाया गया है. अद्धसैनिक बलों की पांच कंपनियां अतिरिक्त तौर पर मंगाई गई हैं. सोशल डिस्टेंसिंग को लागू करने के लिए शहर में सिर्फ दूध और दवाई की दुकानें ही खुली रहेंगी. इसी तरह शनिवार से सूरत में भी पूरी तरह से लॉकडाउन लागू किया जाएगा जहां कोरोना के 750 मामले सामने आए हैं.
कल शाम तक अहमदाबाद में कोरोना के कुल मामलों की संख्या 4,425 थी. जबकि गुजरात में कोरोना के कुल मामले 6,625 हैं. अब तक 273 लोगों की जान जा चुकी है. मृत्यु दर की बात की जाए तो यह 6.1 है जो कि राष्ट्रीय मृत्यु दर के लगभग दोगुना है. महाराष्ट्र के बाद गुजरात में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले हैं.
हालांकि लॉकडाउन लागू किए जाने से पहले अहमदाबाद में लोगों ने नियमों का उल्लंघन भी किया और घबराकर जरूरत से ज्यादा सामान की खरीदारी भी की. कई इलाकों में दुकानों के बाहर लंबी कतारें नजर आईं. लॉकडाउन की गाइडलाइन की भी लोगों ने अनदेखी की.
बुधवार को जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि सुपरमार्केट, ग्रोसरी स्टोर और सब्जी की दुकानें कोरोना के फैलने की मुख्य वजह बन गई हैं. जो कि 15 मई तक बंद रहेंगी.खाने की ऑनलाइन डिलीवरी पर भी पाबंदी लगा दी गई है.
निजी अस्पतालों को कहा गया है कि वे खुले रहें नहीं तो उन पर कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि लॉकडाउन के चलते कई क्लीनिक अस्पताल बंद थे. शहर के नौ निजी अस्पतालों को कोविड अस्पताला घोषित किया गया है.
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