10 पॉइंट्स: नीतीश कुमार को मांझी पर गुस्सा क्यों आता है?

बिहार के पूर्व सीएम और जद (यू) नेता नीतीश कुमार के सीएम जीतन राम मांझी से नाराजगी की चर्चा जोरों पर हैं। आइए जानें वे 10 कारण जिनके चलते नीतीश कुमार और जीतन राम मांझी में दरारें पैदा हुईं।

1- नीतीश कुमार 4 विधायकों के मामले में पटना उच्च न्यायालय के फैसला आने के बाद मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के 'स्वागत' के वक्तव्य से सबसे ज्यादा नाराज  हैं। दरअसल, इससे  विरोधियों को पार्टी की आलोचना करने का एक मौका मिल गया है।

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2- नीतीश सीएम मांझी से अधिकारियों के तबादले के मामले पर भी नाराज हैं। दरअसल, इस पूरे मामले में नीतीश के करीबी रहे नौकरशाह का तबादला भी कर दिया गया और उन्हें इस बारे में कुछ बताया भी नहीं गया।

3- मांझी ने यह भी बयान दिया कि उनके कुछ मंत्री उनसे सहयोग नहीं कर रहे। इससे नीतीश और मुख्यमंत्री के बीच की दूरी और बढ़ी।

4- अधिकारियों के तबादले में नीतीश कुमार के करीबी मंत्री श्रवण कुमार और लालन सिंह के विभाग के सचिव बदल दिए गए लेकिन मांझी ने उनसे इस बारे में भी कोई बात नहीं की। न ही नए सचिव के बारे में कोई विचार विमर्श किया।  

5- नीतीश कुमार द्वारा बार बार मना करने के बाबजूद मांझी अपने बयानों से सरकार और पार्टी को परेशानी में डाल रहे हैं।

6- मांझी ने सार्वजनिक कार्यक्रम में नक्सलियों द्वारा लेवी लिए जाने को सही ठहराया। इससे नीतीश को लगा कि पुलिस और प्रशासन का मनोबल गिरेगा और नक्सलियों द्वारा लेवी की मांग भी बढ़ेगी।  

7- मांझी अक्सर नीतीश द्वारा शुरू किए गए बड़े बड़े प्रॉजेक्ट के बारे में खुल कर आलोचना करते थे। इस प्रॉजेक्ट से जुड़े अधिकारियों का तबादला करने के कारण दोनों के बीच टेंशन और बढ़ी।

8- मांझी सामाजिक समीकरण ध्यान में रखे बिना दलित अधिकारियों को महत्वूर्ण पदों पर बैठाते गए जिससे नीतीश को लगा कि इससे बाकी सामाजिक वर्गों में असंतोष बढ़ेगा।

9-सरकार के कामकाज में मांझी के बेटे और दामाद के बढ़ते प्रभाव के कारण सरकार की खूब किरकिरी हुई।

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10-कानून व्यवस्था हो या फिर विकास संबंधी काम, मांझी अपने मनमाफिक अधिकारियों की नियुक्ति करते हैं। और, मर्जी के मुताबिक ही लोगों को काम दिलवाते हैं। यह कारण भी मांझी और नीतीश के बीच दरार का काम कर रहा है।