2 से 12 साल तक मुख्य रूप से बच्चे का मानसिक और शारीरिक रूप से विकास होता है. इस उम्र में उन्हें जो सिखाया और खिलाया जाता है, वह उनके पूरे जीवन के लिए उनके साथ रहता है. बढ़ती उम्र के दौरान बच्चे में कई बदलाव होते हैं. बच्चों को इस समय हर कदम पर विभिन्न पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है. पोषक तत्वों और विकास का सबसे अच्छा आत्मसात तब होता है जब बच्चों में हेल्दी फूड की आदत डाली जाती है. इस प्रकार उन्हें स्वस्थ और पौष्टिक भोजन खिलाना महत्वपूर्ण है ताकि वे अपनी पूरी क्षमता से विकसित हों.
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6 माह से 2 साल तक के बच्चे
1. आयरन: आयरन युक्त खाद्य पदार्थ बच्चों में मस्तिष्क और स्मृति के विकास में मदद करते हैं. आलू, अंडे, सोयाबीन और पालक बच्चों के लिए आयरन युक्त खाद्य पदार्थों के उत्तम स्रोत हैं.
2. जस्ता: इंफेक्शन होने पर बच्चे कमजोर हो जाते हैं. जस्ता एक खनिज है जो बच्चों में श्वेत रक्त कोशिकाओं के समुचित कार्य को सुगम बनाता है. सफेद रक्त कोशिकाएं शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करने में अहम भूमिका निभाती हैं. पनीर, दाल, अनाज, दूध और दही जिंक से भरपूर खाद्य पदार्थ हैं.
3. कैल्शियम: हड्डियों की मजबूती और दांतों के विकास के लिए कैल्शियम महत्वपूर्ण है. संतरे, दूध, पनीर और दही सभी कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं.
4. विटामिन ए, बी, सी, डी, ई और के: गाजर, शकरकंद, ब्रोकोली (विटामिन ए); पत्तेदार साग, सेम, सब्जियां और केला (विटामिन बी); टमाटर, संतरे, स्ट्रॉबेरी, नींबू और अंगूर (विटामिन सी); गाय का दूध और अंडे की जर्दी (विटामिन डी) - ये सभी खाद्य पदार्थ बच्चों को विटामिन प्रदान कर सकते हैं जो उनके विकास के लिए आवश्यक हैं.
5. ओमेगा 3: ओमेगा 3 बच्चों को स्वस्थ दृष्टि देने में मदद करता है. यह संज्ञानात्मक कौशल और मस्तिष्क स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है.
3 साल से 8 साल तक की उम्र के लिए
नमामी के अनुसार, बचपन में बच्चे जिन खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, वे उन्हें उचित विकास और समग्र कल्याण में मदद करता है. माता-पिता इस उम्र में बच्चों को प्रोटीन, फाइबर और कार्ब युक्त खाद्य पदार्थों की जानकारी उन्हें दे सकते हैं.
1. प्रोटीन (डेयरी, बीन्स, नट्स, मछली, पोल्ट्री) कोशिकाओं के निर्माण और बच्चों में भोजन को पचाने में मदद करता है. यह उन्हें वह ऊर्जा प्रदान करता है जो उन्हें इस उम्र में चाहिए.
2. बढ़ती उम्र में आंत्र की नियमितता विकसित करने के लिए फाइबर (साबुत अनाज, अनाज, दाल, छोले, मेवे और किडनी बीन्स) बेहद महत्वपूर्ण हैं.
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3. कार्ब्स (शकरकंद, साबुत अनाज) बच्चों को वह ऊर्जा प्रदान करते हैं जिसकी उन्हें इस उम्र में आवश्यकता होती है.
8 से 11 साल की उम्र
इस उम्र में बच्चे जो पोषण लेते हैं, वह उन्हें किशोर होने के बाद हेल्दी लाइफ जीने के लिए मदद करता है. इस दौरान लड़के और लड़कियों में कई तरह के बदलाव होते हैं.
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बढ़ती उम्र में बच्चों के लिए फैट जरूरी हो जाता है. बच्चों को ऊर्जा का एक बड़ा स्रोत प्रदान करने के अलावा, ये बच्चों में एनर्जी को स्टोर करने में भी मदद करते हैं. फैट शरीर में वसा में घुलनशील विटामिन (ए, डी, ई और के) मिलाने के लिए महत्वपूर्ण हैं. घी, नट्स, बीज, वसायुक्त मछली और जैतून का तेल, बच्चों के लिए वसा के अच्छे स्रोत हैं.
विटामिन बी 12, पोटेशियम और जस्ता जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व प्री-टीन ऐज में बच्चों के लिए महत्वपूर्ण होते हैं. इस उम्र में बच्चों को ताजे फल और सब्जियां खिलानी चाहिए.
(नमामी अग्रवाल, नमामी लाइफ में पोषण विशेषज्ञ हैं)
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