हर वक्त होती है एंग्जाइटी और स्ट्रेस, तो आपको रोज 10 मिनट करने हैं ये 5 योगासन, दिमाग होगा हल्का और खुश रहेगा मन

FIVE YOGA ASANAS FOR ANXIETY AND STRESS : वर्क लोड से बचने का कोई तरीका नहीं है. लेकिन एंजाइटी और स्ट्रेस को दूर रखने का या काफी हद तक कम करने का एक तरीका है. वो तरीका है कुछ खास योगासन.

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FIVE YOGA ASANAS FOR ANXIETY AND STRESS : स्ट्रेस और एंग्जाइटी दूर करेंगे ये योगासन.

Yoga Day 2024: काम का बोझ कभी कभी स्ट्रेस बढ़ा देता है और डेडलाइन आते आते काम पूरा न हो तो एंग्जाइटी होने लगती है. ये सिलसिला एकाध दिन की बात नहीं है. बल्कि बहुत से लोगों को रोजाना या फिर हर हफ्ते ऐसे चैलेंजेस से जूझना पड़ता है. होता ये है कि वीकेंड आते आते शरीर से ज्यादा दिमाग थक जाता है. लेकिन काम तो करना ही पड़ेगा. वर्क लोड से बचने का कोई तरीका नहीं है. लेकिन एंग्जाइटी और स्ट्रेस को दूर रखने का या काफी हद तक कम करने का एक तरीका है. वो तरीका है कुछ खास योगासन. जिन्हें रोज की आदत बनाकर आप दिमाग का आराम दे सकते हैं. चलिए जानते हैं कौन कौन से हैं वो योगासन और क्या हैं उनके फायदे.

स्ट्रेस और एंग्जाइटी के लिए योगासन | YOGA ASANAS FOR ANXIETY AND STRESS

बटरफ्लाई पोज : इस पोज को हिंदी में बद्धकोणासन कहते हैं. इस आसन की खास बात ये है कि इससे लो बैक, हिप्स और इनर थाइज पर बहुत अच्छा स्ट्रेस फील होता है. जिन लोगों के काम में लॉन्ग सिटिंग एक मजबूरी है. ये आसन करने से रीढ़ की हड्डी पर आने वाला स्ट्रेस रिलीज होता है. जिसकी वजह से डिसकंफर्ट कम होता है और रिलेक्स महसूस होता है.

चाइल्ड पोज : चाइल्ड पोज को कहते हैं बालासन. इस आसन को करने से पूरी बॉडी का स्ट्रेच मिलता है. जिसकी वजह से मसल फटीग रिलीज होता है और शरीर रिलेक्स महसूस करता है. इस आसान को करते समय डीप ब्रीदिंग की जाती है. जिससे दिल को भी आराम मिलता है. कुछ इमोशनल बैगेज भी इस आसन को करते समय रिलीज होते हैं. जिसके बाद मेंटली भी रिलेक्स होना आसान होता है.

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कैट एंड काउ पोज : मार्जरी आसन नाम के इस पोज में पूरा शरीर एक रिदमिक मूवमेंट के साथ स्ट्रेच होता है. उस मूवमेंट को ब्रिदिंग पेस के साथ किया जाता है. जिसकी वजह से धीरे धीरे स्ट्रेस रिलीज होता है और दिमाग को शांति मिलती है. इस पोज से पोश्चर से जुड़ी शिकायतें भी दूर होती हैं साथ ही स्पाइन पर पड़ने वाला स्ट्रेस रिलीज होता है.

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 क्रोकोडाइल पोज : इस पोज को मकरासन भी कहा जाता है.  इस पोज में ठीक वैसे ही रिलेक्स करना होता है जिस तरह पानी से थोड़ा सा सिर बाहर निकालकर मगरमच्छ करता है. ऐसा करने से स्पाइन यानी कि रीढ़ की हड्डी रिलेक्स होती है. लो बैक पेन, साइटिका और अस्थमा के मरीजों के लिए भी ये पोज फायदेमंद होता है. इस पोज में कुछ मिनट रिलेक्स करने से दिमाग को भी आराम मिलता है.

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स्टिक पोज : स्टिक पोज यानी कि यष्टिकासन. फुल बॉडी स्ट्रेच के लिए ये भी एक बहुत अच्छा आसान माना जाता है. इस आसान की खास बात ये है कि इसे आप जब भी ज्यादा स्ट्रेस महसूस करें, कर सकते हैं. इसे लेट कर करने से ज्यादा फायदे मिलते हैं. इस आसान की वजह से मस्कुलर टिश्यू पर डीप प्रेशर आता है. जिससे सारा फटीग और स्ट्रेस रिलीज होता है. और शरीर के साथ साथ दिमाग को भी आराम मिलता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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