Dashahara 2019: विजयादशमी यानि दशहरे को बुराई पर अच्छाई की जीत. इस दिन कुछ परंपराएं भी निभाई जाती है, जिनमें से एक है हनुमान जी को पान का बीड़ा चढ़ाना और उस पान को खाना... खास तौर से तब, जब ये त्योहार मंगलवार के दिन आता है. कई लोग दशहरे के दिन जलेबी खाने भी शुभ मानते हैं. आपके मन भी सवाल उठ रहा होगा कि आखिर दशहरे के दिन पान क्यों खाया जाता है. साथ जलेबी का दशहरे से क्या संबंध है. दशहरा 2019 क्यों है खास. शारदीय नवरात्रि के नौ दिन दुर्गा पूजन के बाद दसवें दिन मनाई जाने वाली विजयादशमी बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है. दशहरे के दिन पान खाने और बजरंगबली को चढ़ाने का विशेष महत्व है. पान को विजय का सूचक माना गया है. पान का 'बीड़ा' शब्द का एक महत्व यह भी है इस दिन हम सन्मार्ग पर चलने का 'बीड़ा' उठाते हैं. कहा जाता है कि इस दिन भगवान श्रीराम ने रावण और देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध कर धर्म और सत्य की रक्षा की थी. इसी के साथ इस दिन प्रभु श्री राम, देवी भगवती, मां लक्ष्मी, सरस्वती, श्री गणेश और हनुमान जी की पूजा आराधना की जाती है. हम यहां आपको बताएंगे दशहरे के दिन क्यों खाया जाता है पान और जलेबी के पीछे का क्या है राज...
दशहरे पर क्यों खाते हैं पान | Why Do Pan Eat On Dussehra
1. दशहरे के दिन पान खाकर लोग असत्य पर हुई सत्य की जीत की खुशी मनाते हैं, लेकिन इस बीड़े को रावण दहन से पूर्व हनुमान जी को चढ़ाया जाता है.
2. बीड़ा शब्द का भी अपना विशेष महत्व है, जिसे कर्तव्य के रूप में बुराई पर अच्छाई की जीत से जोड़कर देखा जाता है.
3. नवरात्रि में 9 दिन के उपवास करने पर पाचन क्रिया प्रभावित होती है. पान खाने से भोजन पचाने में आसानी होती है.
4. दशहरे पर पान खाने का एक कारण यह भी है कि इस समय मौसम में बदलाव होता है, ऐसे में पान सेहत के लिए अच्छा होता है.
Happy Dussehra 2019: दशहरे को बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में मनाया जाता है.
5. ऐसा माना जाता है दशहरे के दिन पान खाकर लोग असत्य पर हुई सत्य की जीत की खुशी को व्यक्त करते हैं, और यह बीड़ा उठाते हैं कि वह हमेशा सत्य के मार्ग पर चलेंगे। जानकार कहते हैं कि पान का पत्ता मान और सम्मान का प्रतीक है. इसलिए हर शुभ कार्य में इसका उपयोग किया जाता है.
6. दशहरे के दिन पान खाने की परम्परा पर वैज्ञानिकों का मानना है कि जिस तरह चैत्र नवरात्र में पूरे नौ दिन तक मिश्री, नीम की पत्ती और काली मिर्च खाने की परम्परा है, क्योंकि इनके सेवन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता (Imunity) बढ़ती है. उसी तरह शारदेय नवरात्रि का समय भी ऋतु परिवर्तन का समय होता है। इस समय संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
क्यों खाते हैं दशहरे के दिन जलेबी | Why Do People Eat Jalebi On Dussehra?
दशहरे पर जब भी आप कभी रावण दहन देखने गए होंगे तो देखा होगा कि आसपास जलेबी के बहुत से स्टॉल होते हैं. तो कभी आपने सोचा है कि दशहरे वाले दिन लोग जलेबी क्यों खाते हैं और रावण दहन के बाद जलेबी लेकर घर क्यों जाते हैं. कहते हैं कि राम को शश्कुली नामक मिठाई बहुत पसंद थी. जिसे आजकल जलेबी के नाम से जाना जाता है. इसलिए रावण पर विजय के बाद जलेबी खाकर खुशी मनाई जाती है. तो क्यों न इस बार दशहरे को थोड़ा और बेहतर तरीके से मनाया जाए और जलेबी को घर पर ही बनाया जाए. कैसे बना सकते हैं आप फटाफर स्वादिष्ट जलेबी हम आपको बताते हैं.
Dussehra image 2019: जलेबी केसरी या पीले रंग की एक पारंपरिक मिठाई है जिसे दशहरा पर घरों में बनाया जाता है.
केसरी जलेबी रेसिपी : जलेबी एक ऐसी मिठाई है, जो भारत में काफी मशहूर है. सर्दियों के मौसम में खाने के बाद अगर गर्मागर्म जलेबी मिल जाए तो बस मजा ही आ जाता है. जलेबी केसरी या पीले रंग की एक पारंपरिक मिठाई है जिसे दशहरा, दिवाली या अन्य खास अवसरों पर भारतीय घरों में बनाया जाता है. यह खाने में कुरकुरी होती है जिसकी वजह से सिर्फ बड़े ही नहीं बल्कि बच्चे भी चाव से खाते हैं. अगर आप भी इस त्योहार के सीजन में घर पर जलेबी बनाना चाहते हैं तो हमारी यह रेसिपी आपके काम आ सकती है. आप जलेबी की रेसिपी यहां पढ़ सकते हैं.
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