![Basant Panchami 2021: किस दिन है बसंत पंचमी का पर्व, जानें शुभ मुहूर्त, महत्व और भोग Basant Panchami 2021: किस दिन है बसंत पंचमी का पर्व, जानें शुभ मुहूर्त, महत्व और भोग](https://c.ndtvimg.com/2019-02/ukpdaito_basant-panchami-messages-vasant-panchami-messages_625x300_09_February_19.jpg?downsize=773:435)
Basant Panchami Special Bhog: इस साल 16 फरवरी को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाएगा. शास्त्रों में बसंत पंचमी को ऋषि पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन रेवती नक्षत्र रहेगा और चंद्रमा मीन राशि में मौजूद रहेगा. बसंत पंचमी के दिन सरस्वती माता की पूजा की जाती है. इस पर्व का शिक्षा और संगीत के क्षेत्र से जुड़े लोग साल भर इंतजार करते हैं. इस दिन देश भर में शिक्षक और छात्र मां सरस्वती की पूजा कर उनसे और अधिक ज्ञानवान बनाने की प्रार्थना करते हैं. मां सरस्वती को ज्ञान की देवी माना जाता है. मान्यता है कि माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मां सरस्वती ब्रह्माजी के मुख से प्रकट हुई थी, और इसीलिए इस तिथि को बसंत पंचमी के पर्व के रूप में मनाया जाता है. यह पर्व भारत के साथ-साथ पश्चिमोत्तर बांग्लादेश और नेपाल में भी धूमधाम से मनाया जाता है. मान्यता है कि बसंत पंचमी में मां सरस्वती की पूजा करने से ज्ञान में वृद्धि होती है और उनका आर्शीवाद मिलता है. बसंत पंचमी में मां सरस्वती को पीले रंग के भोग और फूल अर्पण किए जाते हैं. आइए आपको बताते हैं बसंत पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त, भोग और महत्व.
मां सरस्वती के लिए बनाएं ये खास भोगः
विद्या की देवी सरस्वती का जन्मदिवस वसंत पंचमी वसंत ऋतु के आगमन का भी प्रतीक है, इस पर्व को देश भर में धूमधाम से मनाया जाता है. माना जाता है मां सरस्वती को पीला रंग अधिक प्रिय है. विद्या की देवी को पीले रंग के भोग और फूल अर्पण किए जाते हैं. आप मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए पीले रंग के लड्डू का भोग लगा सकते हैं. बूंदी के लड्डू बहुत ही लोकप्रिय हैं. इसे आप बसंत पचंमी में मां सरस्वती को भोग में चढ़ा सकते हैं. तो चलिए हम आपको बताते हैं इसे घर पर आसानी से कैसे बनाएं. रेसिपी के लिए यहां क्लिक करें.
Bengali Dessert: मीठा खाना है पसंद, तो जरूर ट्राई करें रबड़ी मलाई रोल, यहां देखें रेसिपी वीडियो
![em37np58](https://c.ndtvimg.com/2020-03/em37np58_ladoo_625x300_27_March_20.jpg)
बूंदी के लड्डू बहुत ही लोकप्रिय मिठाई है
बसंत पंचमी का महत्वः
वसंत पंचमी के दिन श्रद्धालु गंगा तथा अन्य पवित्र नदियों में डुबकी लगाने के बाद मां सरस्वती की आराधना करते हैं. हिन्दु कैलेण्डर के अनुसार प्रत्येक वर्ष माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाए जाने वाले इस त्योहार के दिन ही ब्रह्माण्ड के रचयिता ब्रह्माजी ने सरस्वती की रचना की थी. इस पर्व के साथ शुरू होने वाली वसंत ऋतु के दौरान फूलों पर बहार आ जाती है, खेतों में सरसों सोने की लहर चमकने लगती है, जौ और गेहूं की बालियां खिल उठती हैं. पश्चिम बंगाल में ढाक की थापों के बीच सरस्वती माता की पूजा की जाती है. माना जाता है कि वसंत पंचमी के दिन ही सिख गुरु गोविंद सिंह का जन्म हुआ था.
बसंत पंचमी शुभ मुहूर्तः
हिन्दू पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी शुभ मुहूर्त. इस बार 16 फरवरी को सुबह 03 बजकर 36 मिनट पर पंचमी तिथि आरंभ होगी.
इसका समापन 17 फरवरी को सुबह 5 बजकर 46 मिनट पर होगा.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
फूड की और खबरों के लिए जुड़े रहें.
स्वीट खाना करते हैं पसंद तो ट्राई करें टेस्टी मूंग दाल हलवा-Recipe Inside
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं