गोरखपुर के अस्पताल में पिछले हफ्ते हुई 72 बच्चों की मौत के मामले में डीएम की रिपोर्ट आ गई है. रिपोर्ट में दो सीनियर डॉक्टरों द्वारा लापरवाही बरतने की बात कही गई है. डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट राजीव शुक्ला ने ऑक्सीजन की सप्लाई में भ्रष्टाचार की ओर भी इशारा किया है. इतना ही नहीं रिपोर्ट में गहन जांच-पड़ताल किए जाने की सिफारिश की गई है. उधर, प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर में हुई बच्चों की मौत के मामले की जांच प्रदेश की मुख्य सचिव की कमेटी के अलावा दिल्ली के तीन विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम भी कर रही है. दोनों की रिपोर्ट में जो भी इसके लिए दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
महत्वपूर्ण तथ्य
रिपोर्ट में ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाली कंपनी पुष्पा सेल द्वारा गैस सप्लाई बाधित करने की बात कही गई है.
जिलाधिकारी की रिपोर्ट में ऑक्सीजन सप्लायर कंपनी को भुगतान न होने के पीछे वित्तीय अनियमितता का भी जिक्र किया गया है.
रिपोर्ट में प्रिसिंपल राजीव मिश्र द्वारा लापरवाही बरतने की बात कही गई है.
पीड़ितों के बयान रिपोर्ट से उलट है. बिहार के एक पीड़ित ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री, शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारियों समेत बीआरडी कॉलेज के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.
परिजन ने आरोप लगाया है कि उसके बेटे की मौत ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई है.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में करीब 70 बच्चों की मौत के मामले की जांच के लिए तीन सदस्यों की एक टीम गठित की है.
आईएमए ने एक बयान में कहा कि टीम को निर्देश दिया गया है कि वह अपनी रिपोर्ट 48 घंटे के भीतर सौंपे.
गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में हाल ही में 48 घंटे के भीतर 30 से अधिक बच्चों की मौत की न्यायिक जांच कराने की मांग को लेकर बुधवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई.
ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स के यूपी डीलर मनीष भंडारी ने कहा था कि बकाए के भुगतान के लि प्रमुख सचिव को करीब 100 लेटर लिखें जा चुके है.
उधर, एम्स के डॉक्टरों ने गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉ कफील खान को हटाए जाने की निंदा की.
गोरखपुर हादसे की वजह ऑक्सीजन की कमी नहीं- जांच टीम