नई दिल्ली:
एनडीए सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की है। इस मौके पर उन्होंने विदेश नीतियों और एनएसजी जैसे मुद्दों पर सरकार का पक्ष सामने रखा।
विदेशमंत्री की कही अहम बातें :
- बेहतर आर्थिक संबंधों के लिए पीएम मोदी ने 10 महीनों में यूएई, सऊदी अरब, ईरान और क़तर का दौरा किया है
- विभिन्न विदेशी दौरों के ज़रिए हमने कौशल भारत योजना और विदेशी निवेश के विकास के लिए प्रयास किए हैं। कई देशों के साथ हम परमाणु संबंधों को लेकर भी आगे बढ़ रहे हैं।
- हमारा लक्ष्य है कि 2016 के अंत तक दुनिया का ऐसा कोई देश नहीं होगा जिससे भारत का संबंध ना हो।
- भारत की एनएसजी सदस्यता का चीन विरोध नहीं कर रहा है, वह सिर्फ मानदंडों की प्रक्रिया की बात कर रहा है।
- पाक की एनएसजी सदस्यता पर विदेशमंत्री ने कहा - भारत किसी भी देश की एनएसजी सदस्यता का विरोध नहीं कर रहा है, हम चाहेंगे कि सभी देशों की अर्ज़ियां योग्यता के आधार पर तय की जाएं।
- हमें उम्मीद है कि हम चीन का समर्थन हासिल कर लेंगे। मैं खुद 23 देशों से संपर्क में हूं। एक दो मुद्दे हैं लेकिन एक सहमति तो बनी हुई है।
- हमारी कोशिश है कि साल के अंत तक हम एनएसजी सदस्यता हासिल कर लें।
- यह कहना सही नहीं है कि एनएसजी सदस्यता हासिल करने के लिए हमने सार्क देशों की अवहेलना की है।
- अमेरिका के साथ हमारी बातचीत बढ़ी है लेकिन देश के हितों की कीमत पर नहीं। हम उनके खिलाफ जरूरत पड़ने पर विरोध भी दर्ज करते हैं।
- बांग्लादेश में हुई हिंसा अफसोसजनक है और वहां की सरकार उचित कार्यवाही कर रही है।
- पठानकोट हमले के बाद पाकिस्तान के रवैये में बदलाव आया है। वह अब खंडन करने के मोड में नहीं है।
- पाकिस्तान के साथ जटिल मुद्दे हैं जिनको हल किया जाना है। वर्तमान में दोनों देशों के नेताओं के बीच संबंधों में सहजता और सौहार्द है।
- विजय माल्या और ललित मोदी के प्रत्यर्पण का आग्रह ईडी से मिलने के बाद ब्रिटेन के पास भेजा जाएगा।
- इराक़ में बंधक 39 भारतीयों की मौत का कोई सबूत नहीं है। उन्हें जीवित मानकर तलाशने की कोशिश की जा रही है।