कर्नाटक में लॉकडाउन (Lockdown) के बाद अगर मंदिरों को लोगों के लिए खोला जाता है, तो यहां श्रद्धालुओं द्वारा प्रसाद चढ़ाने व वितरण पर प्रतिबंध समेत कई सख्त नियम लागू किए जा सकते हैं. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.
मुजराई विभाग (मंदिरों के प्रशासन का प्रभारी) एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को अपनाने की योजना बना रहा है, जिसका मंदिरों को जनता के लिए खोले जाने के बाद पालन करना जरूरी होगा.
आधिकारिक सूत्रों ने नाम न उजागर करने की शर्तों पर बताया, "अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है… कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए मंदिरों में तीर्थ (पवित्र जल) और प्रसाद के वितरण जैसी गतिविधियों को प्रतिबंधित करने, भक्तों द्वारा फल और फूल चढ़ाए जाने जैसी चीजों पर भी विचार किया जा रहा है."
उन्होंने कहा, "आगे देखते हैं, इस संबंध में अभी तक कोई निर्देश या निर्णय नहीं आया है."
सामाजिक दूरी बनाने संबंधी सख्त नियम, मंदिरों में मास्क और सैनिटाइजर का उपयोग इस प्रस्तावित एसओपी का हिस्सा हो सकता है.
मंदिरों का खोला जाना गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों पर निर्भर करने की बात कहते हुए प्रधान सचिव टी के अनिल कुमार ने बताया, "अभी तक हमने कुछ भी (एसओपी) तैयार नहीं किया है, हम अभी भी इसके बारे में सोच रहे हैं."
राज्य में 34,000 से अधिक मंदिर मुजराई विभाग के अंतर्गत आते हैं.
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