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This Article is From Apr 28, 2014

उमर ने मोदी से कहा, 'आपके पास कश्मीर आने की हिम्मत नहीं'

नई दिल्ली:

बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी और जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला एवं उनके पिता फारूक अब्दुल्ला के वाक युद्ध जारी है। फारूक और उमर ने नरेंद्र मोदी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि मोदी का इरादा संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करना है, जिसमें जम्मू और कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया है। उन्होंने जोर दिया कि इसे राज्य के लोग कभी स्वीकार नहीं करेंगे।

उमर ने श्रीनगर में कहा, 'मोदी साहब, आपके पास कश्मीर में आकर वोट मांगने का साहस नहीं है। आप देश का प्रधानमंत्री बनने निकले हैं, लेकिन आप कश्मीर आकर वोट मांगने नहीं आएंगे।' उन्होंने कहा, 'आप जम्मू और लद्दाख जाएंगे, लेकिन घाटी नहीं जाएंगे, क्योंकि इस स्थान के बारे में आपकी एक राय है और जिस तरह से आपने लोगों को बदनाम किया है। मुझे नहीं लगता आपके दिल में इनके लिए कोई स्थान है।'

उमर ने ट्विटर पर लिखा, 'मोदी भूल रहे हैं कि शेख अब्दुल्ला ने मुस्लिम पाकिस्तान की बजाय धर्मनिरपेक्ष भारत को चुना और फिर दो दशक कैद में रहे पर कभी झुके नहीं।' मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए कश्मीरी पंडितों के दर्द का इस्तेमाल करती है और जम्मू में एक चुनावी रैली में मोदी का भाषण इसका सबूत है।

उमर ने कहा कि कश्मीरी पंडितों के कश्मीर छोड़कर जाने के मुद्दे पर मोदी का बयान कश्मीरी अवाम की तौहीन है। मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, 'जब कश्मीरी पंडितों ने घाटी छोड़ी उस वक्त जगमोहन राज्यपाल के तौर पर राज्य का शासन संभाल रहे थे और फारूक साहब सत्ता में नहीं थे। जहां तक मुझे पता है जगमोहन ने अब भी बीजेपी से अपना नाता नहीं तोड़ा है।'

उमर ने संवाददाताओं से कहा, 'जगमोहन को वीपी सिंह कैबिनेट में गृह मंत्री रहे मुफ्ती मोहम्मद सईद (जो अभी पीडीपी संरक्षक हैं) ने राज्यपाल नियुक्त किया था। वीपी सिंह बीजेपी के समर्थन से सरकार चला रहे थे...मैं उम्मीद करता हूं कि बीजेपी के नेताओं को यह बात याद होगी।'

उमर ने कहा, 'कश्मीरी पंडितों को निकाले जाने की घटना पर ज्यादातर कश्मीरी मुसलमान दुखी हैं और वे उन्हें वापस बुलाना चाहते हैं  मोदी ने इस बयान से कश्मीरी अवाम की तौहीन की है।'

गौरतलब है कि फारूक अब्दुल्ला के बयान पर पलटवार करते हुए आज मोदी ने कहा था कि शेख अब्दुल्ला, फारूक और उनके बेटे उमर की नीतियां राज्य की राजनीति के सांप्रदायिकरण और धर्म के आधार पर कश्मीरी पंडितों को बाहर निकालने की घटना के लिए जिम्मेदार हैं। (पढ़ें- मोदी का फारूक पर पलटवार)

इससे पहले कश्मीर की सत्तारूढ़ नेशनल कांफ्रेस पार्टी के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को बयान दिया था कि मोदी समर्थकों को समंदर में डूब मरना चाहिए। (पढ़ें)

यह पूछे जाने पर कि क्या वह फारूक के बयान का समर्थन करते हैं, इस पर उमर ने कहा कि उनका बयान बीजेपी के एक नेता की उस टिप्पणी के संदर्भ में था, जिसमें कहा गया था कि मोदी के विरोधियों को पाकिस्तान जाना होगा। उन्होंने कहा, 'इस पर फैसला चुनाव आयोग को करना है।'

एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके पिता की इस टिप्पणी में कुछ भी गलत नहीं है कि कश्मीर सांप्रदायिक भारत का हिस्सा नहीं होगा। उमर ने कहा, 'वह (फारूक) बेवकूफ नहीं हैं। उन्होंने यह नहीं कहा कि अगर मोदी प्रधानमंत्री बनते हैं तो कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कश्मीर सांप्रदायिक भारत का हिस्सा नहीं होगा और मुझे इसमें कुछ भी गलत नहीं दिखता।'

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