फाइल फोटो
शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में बीजेपी पर ताना कसना नहीं छोड़ा है। 'सामना' में बीजेपी का नाम लिए बिना लिखा है कि महाराष्ट्र में इस बार भी किसी एक दल को स्पष्ट जनादेश नहीं मिला है। बावजूद इसके जो लोग विजयी बिगुल बजाना चाहते हैं वह आनंदपूर्वक बिगुल बजाएं। अखंड महाराष्ट्र का स्वप्न विजयी नहीं हुआ।
आगे लिखा गया है कि शिवसेना ने महाराष्ट्र की अखंडता के लिए और दिल्ली के सामने न झुकने के लिए अकेले संघर्ष किया। शिवसेना चाहती है कि मुंबई का महत्व बना रहे। साथ ही महाराष्ट्र दिल्ली के सामने दंडवत करने को मजबूर न हो और पूरे देश में मुंबई का महत्व बना रहे, लेकिन एक तरफ भाजपा की ओर से पीएम मोदी समेत लगभग केंद्र की पूरी सरकार और दूसरी तरफ कांग्रेस और राष्ट्रवादी के मदमस्त सत्ताधारी थे।
दो मदमस्त सत्ताधारियों से संघर्ष करते हुए शिवसेना ने जो लक्ष्य हासिल किया है वह महत्वपूर्ण है। 'सामना' में लिखा है कि पंचकोणीय मुकाबले की वजह से वोटों का बंटवारा हुआ और इस वोट बंटवारे का फायदा बीजेपी, कांग्रेस, एनसीपी को हुआ है हालांकि शिवसेना ने संपादकीय में अपने नजरिये से इस चुनाव परिणाम का विश्लेषण करने से अभी इनकार किया है। उसे आम आदमी पर ही छोड़ दिया है।
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