बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह और लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के प्रमुख रामविलास पासवान ने आगामी लोकसभा चुनाव मिलकर गठबंधन के रूप में लड़ने की औपचारिक घोषणा की। राजनाथ के आवास पर संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में दोनों नेताओं ने गठबंधन की घोषणा करते हुए कहा कि बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से एलजेपी सात सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
पासवान ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर स्वीकार करते हुए कहा कि मोदी एनडीए के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हैं, इसलिए इस बारे में प्रश्न ही नहीं उठता। भाजपा अध्यक्ष और एलजेपी अध्यक्ष दोनों ने इस बात का भी ऐलान किया कि 3 मार्च को बिहार के मुजफ्फरपुर में होने वाली नरेंद्र मोदी की रैली में पासवान अपने सभी बड़े नेताओं के साथ शामिल होंगे।
रामविलास पासवान ने कहा कि एनडीए में वह पहले भी रहे हैं और यह उनकी दोबारा वापसी है, जिसकी उन्हें प्रसन्नता है। उन्होंने कहा कि दलितों को लेकर अब किसी तरह का भ्रम नहीं होना चाहिए, क्योंकि एक तरह से पूरा दलित समाज आज बीजेपी में शामिल हो गया है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के अलावा आरपीआई के रामदास अठावले और एक अन्य बड़े दलित नेता उदित राज भी बीजेपी का हिस्सा बन चुके हैं।
पासवान ने कहा कि वह एनडीए और यूपीए, दोनों की सरकारों में रहे हैं, लेकिन पिछले आठ सालों में यूपीए ने दलितों के लिए कुछ नहीं किया, जबकि एनडीए उसके लिए प्रतिबद्ध है।
गठबंधन की औपचारिक घोषणा करते हुए बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि रामविलास पासवान की एलजेपी ने एनडीए में शामिल होने का फैसला किया है। राजनाथ ने कहा कि पासवान राष्ट्रीय स्तर के एक दलित नेता हैं और बीजेपी उनके फैसले का स्वागत करती है। उन्होंने कहा कि पासवान ने यह महसूस करते हुए कि मौजूदा स्थिति में केवल एनडीए ही देश को सही नेतृत्व दे सकता है, हमारे साथ आने का फैसला लिया।
राजनाथ ने कहा कि इससे पहले महाराष्ट्र के दलित नेता रामदास अठावले, जाने-माने दलित नेता उदित राज बीजेपी से हाथ मिला चुके हैं। सभी का मानना है कि एनडीए और इसके प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी नरेंद्र मोदी ही देश को सही नेतृत्व दे सकते हैं। सीटों के बंटवारे के सवाल पर राजनाथ ने कहा कि पार्टी की बिहार इकाई से सलाह-मशविरे के बाद यह तय किया गया है कि एलजेपी बिहार में सात सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
इससे पूर्व, बीजेपी के नेता रविशंकर प्रसाद, राजीव प्रताप रूडी और शाहनवाज़ हुसैन रामविलास पासवान के घर पहुंचे। बैठक के बाद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उनके रामविलास पासवान से पुराने रिश्ते हैं इसलिए उनसे मिलने आए थे। रविशंकर प्रसाद ने यह भी कहा कि पासवान के साथ मिठाई और चाय के साथ बातचीत भी हुई।
(इनपुट भाषा से भी)
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