नमस्कार... मैं रवीश कुमार। था तो स्वागत समारोह, लेकिन किरण बेदी ने इसे लेक्चर समारोह में बदल दिया। उनके भाषण से लगा कि वह सिर्फ मुखौटा बनने नहीं आईं हैं। उन्होंने बीजेपी के कार्यकर्ताओं को सामाजिक क्रांति लाने का कार्यक्रम भी दे दिया और कहा कि अब से बीजेपी का एक-एक कार्यकर्ता समाज सुधारक बनेगा।
किरण बेदी ने अपने 6पी के साथ सामाजिक क्रांति का आह्वान कर दिया। इसीलिए कहा कि स्वागत समारोह लेक्चर समारोह बन गया। पीपीटी (पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन) की शैली में 6पी का मतलब इस तरह समझाया।
पहला पी है पेरेंट- जो अपने बेटे बेटियों पर नज़र रखेंगे। बेटा बेटी में भेदभाव नहीं करेंगे। बेटी को बहादुर बनाए और बेटे को समझदार।
किरण बेदी ने कहा कि दिल्ली में टकराव होता है तो नुकसान होता है। हमने इस एक साल में गर्वनेंस खोया है। पर उन्होंने यह नहीं बताया कि इस एक साल में कसम गर्वनेंस के नाम पर चुनाव क्यों नहीं हुए।
ऐसा नहीं था कि वह सिर्फ लेकचरर की तरह ही बोल रही थीं। उनके भीतर का एक नेता भी था, जो आने वाले दिनों में और उभरेगा। दिल्ली बीजेपी को नेता की तलाश तो पूरी हो गई है, मगर किरण बेदी के नेता बनने की तलाश शुरू हो रही है।
बेदी ने कहा कि बीजेपी का कार्यकर्ता सामाजिक सुधारक बनेगा। अभी से ही झुग्गियों की सफाई में जुट जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा है कि जहां झुग्गी वहां मकान लेकिन मैं कहती हूं कि स्वच्छ झुग्गी, स्वच्छ मकान।
तीन हफ्ते बचे हैं चुनाव में। बीजेपी जानती है कि आम आदमी पार्टी का सामाजिक आधार कहां हैं, इसलिए झुग्गियों में मकान बनाने और सफाई करने के सहारे वह वहां आप को चुनौती देगी। कॉलोनियों को नियमित करने के मसले पर शुक्रवार शाम अरविंद केजरीवाल ने त्रिलोकपुरी में एक संवाद कार्यक्रम भी किया। किरण बेदी के स्वागत स्थल से थोड़ी ही दूर पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तालकटोरा स्टेडियम में बोल रहे थे। जहां बीजेपी ने दलित सम्मेलन का आयोजन किया था। दिल्ली में 25 प्रतिशत दलित हैं और 12 रिज़र्व सीटें हैं। पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी को 9 सीटें मिली थीं। बीजेपी को सिर्फ दो सीटें मिली थीं।
तो दिल्ली की लड़ाई सिर्फ चेहरे के स्तर पर नहीं हो रही हैं जातियों और इलाकों का भी रोल सामने आ रहा है। किरण बेदी अकेले शामिल हुईं तो शाज़िया इल्मी को कई और नेताओं के साथ बीजेपी में शामिल किया गया।
शाज़िया ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात कर सदस्य बनीं। उनके साथ दि लॉयन ऑफ पंजाब, जिमी, सिंह साहब दी ग्रेट, अग्निपथ, हाले दिल, शूट आउट एट लोखंडवाला, मस्ती जैसी मशहूर फिल्मों के संगीतकार आनंद राज आनंद भी शामिल हुए।
शाज़िया ने कहा कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगी, पार्टी के लिए काम करेंगी। आम आदमी पार्टी की कथनी और करनी का फर्क लोगों को बताएंगी।
उधर अजय माकन ने निधि कुलपति से कहा कि किरण बेदी ने राजनीति में आने के लिए झूठ बोला। इनकी बेटी के मेडिकल में एडमिशन सही तरीके से नहीं हुआ था ये सब तथ्य सामने लाए जाएंगे। बीजेपी ने पोस्टरों में किरण बेदी को उतार दिया है। दफ्तर के बाहर लगे पोस्टर में सतीश उपाध्याय आगे हैं और किरण बेदी पीछें। लेकिन आज के भाषण से साफ हो गया कि कौन पीछे है।
अच्छा है किरण बेदी ने अपनी सोच का एक खाका रख दिया। हो सकता है आने वाले दिनों में और भी बातें वह कहें, लेकिन आज जो भी कहा उससे यही लगा कि वह अपनी तरफ से ही एलान कर रही हैं कि बीजेपी की मुख्यमंत्री की उम्मीदवार वहीं हैं।