जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन को लेकर राजनीति तेज हो गई है और सारे ही दल सरकार गठन को लेकर राजनीतिक जोड़ घटाव में जुट गए हैं।
इस बीच, राज्य के राज्यपाल एनएन वोहरा ने बीजेपी और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (राज्य विधानसभा चुनाव की दोनों शीर्ष पार्टियां) को चिट्ठी लिख कर उनसे सरकार गठन के लिए अपने अपने प्रस्ताव भेजने को कहा है।
राजभवन के सूत्रों ने यहां कहा कि वोहरा ने सरकार गठन को लेकर चर्चा और संभावनाओं की तलाश के लिए पीडीपी व भाजपा दोनों को अलग-अलग पत्र लिखा है।
वहीं बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, राज्यपाल से मुलाकात में पार्टी राज्य की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करेगी। बीजेपी 31 विधायकों के समर्थन और अपने वोट प्रतिशत को आधार बनाकर दावा पेश करेगी।
उधर, उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'लगता है कि पीडीपी एनसी के समर्थन का एक पत्र लीक करके भाजपा के साथ कोई खिचड़ी पका रही है, जबकि ऐसा कोई पत्र है ही नहीं।' उमर ने ट्वीट में लिखा है, 'सिर्फ मौखिक रूप से समर्थन की पेशकश की गई है।'
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है, जब उन खबरों को लेकर एनसी में एक मामूली विद्रोह की स्थिति पैदा हो गई है, जिसमें कहा गया है कि एनसी भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिश में लगी हुई है।
एनसी के प्रवक्ता जुनैद अजीम मट्ट ने कहा कि उनकी पार्टी ने उमर की तरफ से तीन दिन पहले दिए गए एक बयान के जरिए पीडीपी को समर्थन दिया है। उन्होंने कहा, 'प्रस्ताव की पुष्टि के लिए किसी लिखित पत्र की आवश्यकता नहीं है।'
इससे पहले शीर्ष बीजेपी नेता राम माधव ने आज कहा कि मुफ्ति मोहम्मद सईद के नेतृत्व वाली पीडीपी और उमर अब्दुल्ला नीत नेशनल कॉन्फ्रेंस दोनों से बातचीत चल रही है।
राम माधव ने एनडीटीवी से कहा, 'पीडीपी या एनसी (नेशनल कॉन्फ्रेंस) को एक स्थिर सरकार बनाने के लिए आगे आना चाहिए... हम एक अच्छी सरकार बनाने के सर्वश्रेष्ठ विकल्प ढूंढ़ रहे हैं।'
वहीं सूत्रों के हवाले से यह खबर भी है कि अगर जम्मू-कश्मीर में बीजेपी सरकार बनाती है तो जितेन्द्र सिंह नए मुख्यमंत्री होंगे और अगर बीजेपी विपक्ष की भूमिका में बैठती है तो पार्टी का कोई विधायक विपक्ष का नेता होगा।
बीजेपी सूत्र बताते हैं कि पार्टी को अभी राज्य में सरकार गठन पर फैसले में कुछ और दिन लग सकते हैं, लेकिन पार्टी को भरोसा है कि राज्य में बीजेपी की सरकार बनेगी। गुरुवार को पार्टी के महासचिव राम माधव ने पीडीपी के वरिष्ठ नेता मुज़फ्फर हुसैन बेग से दो बार मुलाकात की। पहले दौर की मुलाकात बेग के घर पर हुई, जबकि दूसरी बार दोनों नेता होटल में मिले। बैठक से पहले बेग ने कहा था कि राज्य में नई सरकार के गठन के लिए बीजेपी और पीडीपी को बात करनी चाहिए।
87 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी के पास 25 और पीडीपी के पास 28 विधायक हैं हालांकि पीडीपी में कुछ नेता ऐसे भी हैं, जो बीजेपी के साथ गठबंधन के खिलाफ हैं। इन नेताओं का मानना है कि आर्टिकल 370 समेत कई दूसरे अहम मुद्दों पर दोनों दलों के बीच टकराव रहा है और इसका असर सरकार के कामकाज पर भी पड़ सकता है।
वहीं कांग्रेस ने आज राज्य में सरकार के गठन में पीडीपी को समर्थन की पेशकश की और कहा कि उसके पूर्ववर्ती सहयोगी को सरकार बनाने का कानूनी, नैतिक और संवैधानिक अधिकार है।
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी कटाक्ष करते हुए आश्चर्य जताया कि क्या वे बाप-बेटी के साथ गठबंधन करेंगे या बाप-बेटे के साथ। मोदी ने विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान पीडीपी के मुफ्ती मोहम्मद सईद-महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारुख अब्दुल्ला-उमर अब्दुल्ला को निशाना बनाते हुए इस तरह की टिप्पणी की थी। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'पीडीपी को (जम्मू-कश्मीर में) सरकार बनाने का कानूनी, नैतिक और संवैधानिक अधिकार है। अगर वह सरकार बनाने के लिए राजी होती है तो हम उन्हें समर्थन देने के लिए तैयार हैं।'
उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब यह सवाल बना हुआ है कि राज्य में सरकार बनाने के लिए कौन कौन से दल साथ आएंगे। कश्मीर के विधानसभा चुनाव में किसी दल को बहुमत नहीं मिला है।
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