दिल्ली के चुनावी मैदान में इस बार सैकड़ों दागी छवि के नेता अपना भाग्य आज़मा रहे हैं। चुनाव और राजनीति पर नज़र रखने वाली संस्था इलेक्शन वॉच ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में दावा किया है कि अलग-अलग पार्टियों के 673 उम्मीदवारों में से 114 यानी 17 फीसदी उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज़ होने की बात स्वीकार की है।
इलेक्शन वॉच का दावा है कि कुल उम्मीदवारों में आठ ऐसे हैं, जिनके खिलाफ महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़े मामले दर्ज़ हैं। यह महत्वपूर्ण है कि हर बार की तरह इस बार भी चुनावों में हर पार्टी साफ-सुथरी सरकार देने का वायदा कर रही है, सुशासन को बढ़ावा देने का दावा कर रही है। लेकिन इलेक्शन वॉच की इस ताज़ा रिपोर्ट से इन दावों पर सवाल उठने लगे हैं।
इलेक्शन वॉच ने दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों की तरफ जमा किए गए हलफनामों को स्टडी करने पर पाया है कि 673 में से 74 यानी 11 फीसदी उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले अलग-अलग थानों में दर्ज़ हैं। अगर पार्टियों की बात करें तो बीजेपी ने सबसे ज्यादा आपराधिक छवि वाले नेताओं को टिकट दिया है। पार्टी के 69 में से 27 यानी 39 फीसदी उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। इसके बाद नंबर आता है आम आदमी पार्टी का जिसने अपने 70 में से 23 (33%) उम्मीदवार ऐसे उतारे हैं, जिन्होंने खुद हलफनामे में सार्वजनिक तौर पर ये माना है कि उनके खिलाफ आपराधिक मामले हैं। तीसरे नंबर पर कांग्रेस है जिसने ऐसे 21 (30%) उम्मीदवार उतारे हैं।
इस बार के चुनावी दंगल में करोड़पति उम्मीदवारों की संख्या भी अच्छी-खासी है। एलेक्शन वॉच के आंकलन के मुताबिक 673 में से 230 यानी 34% उम्मीदवार करोडपति हैं। इनमें 62 यानी 9% के पास दस करोड़ से ज़्यादा की संपत्ति है। अगर पार्टियों की बात की जाए तो सबसे ज़्यादा करोड़पति उम्मीदवार कांग्रेस ने उतारे हैं। पार्टी के 70 में से 59 उम्मीदवार के पास एक करोड़ से ज़्यादा की संपत्ति है, जबकि बीजेपी के 69 में से 50 और आम आदमी पार्टी के 70 में से 44 उम्मीदवार करोड़पति हैं।
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