भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने शनिवार को माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा कि सरकारी प्रसारक दूरदर्शन अपनी पेशेवर स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रहा है।
मोदी ने ट्वीट किया, "हमने देखा है कि आपातकाल के दौरान किस प्रकार प्रेस की स्वतंत्रता एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। यह हमारे प्रजातंत्र पर एक दाग है। मैं हमारे राष्ट्रीय टीवी चैनल को अपनी पेशेवर स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए संघर्ष करते देखकर बहुत दुखी हूं।"
3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर पत्रकारों को बधाई देते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि एक स्वतंत्र प्रेस लोकतंत्र की आधारशिला है और इसकी आत्मा को संरक्षित किया जाना चाहिए।
मोदी की यह टिप्पणी, प्रसार भारती के सीईओ जवाहर सरकार द्वारा प्रसार भारती बोर्ड को शुक्रवार को लिखे एक पत्र के बाद आई। प्रसार भारती बोर्ड को लिखे पत्र में जवाहर ने सार्वजनिक प्रसारक को 'परिचालन स्वायत्तता' नहीं देने के लिए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी पर भी निशाना साधा, जिसके लिए दूरदर्शन वर्षों से संघर्ष कर रहा है। दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर) प्रसार भारती बोर्ड के अंतर्गत काम करते हैं।
इधर, मनीष तिवारी ने पत्र के बारे में अज्ञानता जाहिर करते हुए आईएएनएस को बताया, मैंने पत्र नहीं देखा। इसमें मुझे संबोधित नहीं किया गया है। फिर मुझसे इस पर टिप्पणी करने की अपेक्षा कैसे की जा रही है।
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