मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फडणवीस ने शपथ ले ली है। फडणवीस के साथ सात कैबिनेट मंत्रियों और दो राज्यमंत्रियों ने भी शपथ ली, जिनमें पंकजा मुडे, चंद्रकांत पाटिल, विद्या ठाकुर, प्रकाश मेहता, एकनाथ खड़से, प्रकाश तावड़े, विष्णु सावरा और दिलीप काम्बले, सुधीर मुनघंटीवार शामिल हैं। फडणवीस ने मराठी में शपथ ली।
राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने वानखेड़े स्टेडियम में आयोजित भव्य समारोह में 44 वर्ष के फडणवीस को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी मौजूद थे। उनके अलावा आंध्र के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू तथा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह, एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल व पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी समारोह में मौजूद थे।
सूत्रों के मुताबिक, उद्धव ठाकरे को समारोह में आने के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, देवेंद्र फडणवीस और अरुण जेटली ने उद्धव ठाकरे को फोन किया था, जिसे उन्होंने स्वीकर कर लिया है। पहले शिवसेना ने गठबंधन सरकार के गठन के लिए बातचीत के दौरान भाजपा द्वारा 'लगातार अपमानित' किए जाने का आरोप लगाते हुए समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया था।
288 सदस्यों वाली विधानसभा में पार्टी के पास फिलहाल 121 सीटें हैं और राज्य में सबसे बड़ा दल होने के नाते वह सरकार बना रही है हालांकि बहुमत के लिए पार्टी को कुछ ओर विधायकों की जरूरत होगी। पार्टी ने शिवसेना से गठबंधन पर अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है।
समारोह में ठाकरे की मौजूदगी से संकेत मिला कि विधानसभा चुनाव से पहले सीट बंटवारे को लेकर टूट गया दोनों दलों का गठजोड़ फिर से शक्ल ले सकता है। समारोह में सभी की नजरें मोदी और उद्धव पर थीं, जिन्होंने हाथ मिलाये और एक दूसरे से कुशलक्षेम पूछा।
288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 121 विधायकों के साथ फडणवीस अल्पमत सरकार की अगुवाई कर रहे हैं, जिसे दो सप्ताह में बहुमत साबित करने को कहा गया है। शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी 41 विधायकों के साथ पहले ही नई सरकार को बाहर से समर्थन की पेशकश कर चुकी है।
मराठा नेताओं के प्रभुत्व वाले महाराष्ट्र में फडणवीस दूसरे ब्राह्मण मुख्यमंत्री बने हैं। इससे पहले शिवसेना के मनोहर जोशी इसी समुदाय से थे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे और प्रधानमंत्री मोदी के करीबी फडणवीस राज्य के 27वें मुख्यमंत्री बने हैं और इस पद पर काबिज होने वाले 18वें व्यक्ति हैं। वह मुख्यमंत्री बनने वाले विदर्भ क्षेत्र के चौथे नेता हैं। महाराष्ट्र में जब भाजपा ने लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों में जबरदस्त सफलता प्राप्त की तो फडणवीस ही पार्टी की कमान संभाल रहे थे।
उद्धव ठाकरे केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू के साथ बैठे थे और शांत दिखे, लेकिन शपथ ग्रहण समारोह समाप्त होने के बाद वह मोदी के साथ हाथ मिलाकर हालचाल पूछते और मुस्कराते दिखाई दिए।
शिवसेना सांसद विनायक राउत ने बताया, 'भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उद्धवजी को फोन करके आमंत्रित किया जिसके बाद वह देवेंद्र फडणवीस के शपथ ग्रहण में शामिल हुए।' उन्होंने कहा, 'अमित शाह ने उद्धवजी को नयी सरकार में शिवसेना की भागीदारी पर सकारात्मक फैसले का आश्वासन भी दिया और हमें उम्मीद है कि जब बातचीत होगी तो सकारात्मक परिणाम निकलेगा।'
बहरहाल अभी साफ नहीं हुआ है कि दोनों दलों के बीच सत्ता में साझेदारी को लेकर परस्पर स्वीकार्य सहमति पर पहुंचने के लिए बातचीत कब होगी।
राज्यपाल राव ने फडणवीस को शपथ ग्रहण के बाद विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया है।
भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक गोविंद राठौड़ के निधन के बाद सदन में पार्टी के सदस्यों की संख्या 121 रह गई है, लेकिन पार्टी ने सभी सात निर्दलीय विधायकों और कुछ छोटे दलों के सदस्यों का समर्थन प्राप्त होने का दावा किया है।
राकांपा ने कहा है कि अगर शक्ति परीक्षण के दौरान शिवसेना विपक्ष में बैठती है तो वह मतदान में हिस्सा नहीं लेगी। इससे फडणवीस को आसानी से बहुमत साबित करने में मदद मिलेगी।
हालांकि सदन में 145 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए फडणवीस के सामने 63 सदस्यीय शिवसेना को साथ में लेकर चलने का विकल्प सबसे बढ़िया समझा जा रहा है।
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