चुनाव पूर्व सर्वेक्षण कराने वाली प्रमुख कंपनियों द्वारा सर्वेक्षण के नतीजों में कथित रूप से हेरफेर किए जाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए कांग्रेस ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया और उससे इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने और आपराधिक मुकदमा चलाने में हस्तक्षेप करने की मांग की।
कांग्रेस ने यह भी मांग की कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए आयोग संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए आगामी लोकसभा चुनाव के लिए मतदान की समाप्ति के 48 घंटे तक ओपिनियन पोल पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश जारी करे।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव केसी मित्तल ने मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत को लिखे एक पत्र में चुनाव आयोग से तत्काल हस्तक्षेप करने और टीवी चैनल के स्टिंग ऑपरेशन के मद्देनजर इस तरह के ओपिनियन पोल के नतीजों के प्रकाशन पर रोक लगाने के लिए उचित निर्देश जारी करने की मांग की। कांग्रेस ने चुनावी सर्वेक्षणें में धांधली करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने और ऐसे सर्वेक्षणों पर रोक लगाने के लिए हस्तक्षेप करने की भी मांग की।
एक टीवी चैनल ने मंगलवार को दावा किया था कि उसके द्वारा किए गए एक स्टिंग ऑपरेशन में यह दिखाया गया है कि चुनाव के पहले सर्वेक्षण करने वाली कुछ एजंसियां पैसे लेकर अपने नतीजों में फेरबदल करने को इच्छुक है। चैनल का दावा है कि उसके स्टिंग ऑपरेशन ने चुनाव सर्वेक्षण करने वाली 11 एजेंसियों को बेनकाब किया है।
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