
हिंदुत्व के मुद्दे को शामिल करने को लेकर बीजेपी के चुनाव घोषणा पत्र की आलोचना करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज कहा कि उनका 'सांप्रदायिक एजेंडा' देश की एकता और अखंडता के लिए 'गंभीर खतरा' है।
सोनिया ने यहां एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा, 'हमारे प्रतिद्वंद्वी का सांप्रदायिक एजेंडा देश की एकता और अखंडता के लिए गंभीर खतरा है और कांग्रेस एकमात्र ऐसी पार्टी है जो देश की अखंडता सुनिश्चित कर सकती है।' 'भ्रष्टाचार के आरोपों और असत्यता' के लिए विपक्ष पर बरसते हुए संप्रग अध्यक्ष ने कहा, 'मामले में, हमने सुधारात्मक कार्रवाई की है। मैं उन्हें यहां चुनौती देना चाहती हूं। मैं उन्हें चुनौती देती हूं कि वे अपने शासन वाले प्रदेशों में ऐसे दावे करें।' उन्होंने कहा, 'मैं उनसे पूछना चाहती हूं कि वे किस प्रकार के बदलाव की बात कर रहे हैं? भारत के लोग किस प्रकार का बदलाव सोच रहे हैं..।'
सोनिया ने आक्रामक लहजे में कहा, 'क्या लोग उन पर भरोसा कर सकते हैं, जो व्यक्तिगत और राजनीतिक लाभ के लिए बदलते रहते हैं? क्या लोग उन पर भरोसा कर सकते हैं, जो संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए उदारवादी बनने का नाटक करते हैं? किसी को भी ऐसे भ्रम में नहीं रहना चाहिए..।' केरल में माकपा नीत एलडीएफ पर हमला बोलते हुए सोनिया ने कहा कि राज्य में कांग्रेस एक 'जड़' विचारधारा से मुकाबला कर रही है। 'हमारे प्रमुख विपक्षी ऐसी विचारधारा के अनुयायी हैं, जिसकी आज की दुनिया में कोई प्रासंगिकता नहीं है।' उन्होंने कहा कि एक ओर कांग्रेस राष्ट्रपिता द्वारा बताए गए अहिंसा के सिद्धांत का अनुसरण करती है, लेकिन वाम मोर्चा इस सिद्धांत को खारिज करता है।
सोनिया ने कहा, 'हमारे लिए सिर्फ सही मायने रखता है कि हम सभी भारतीय हैं। विभिन्न धर्म, जाति, भाषा और रंग का कोई मतलब नहीं है।' उन्होंने कहा, 'हम ऐसे भारत में भरोसा करते हैं जो लोगों को एकजुट करता है, जबकि विपक्ष बांटने का प्रयास करता है। हमारी विचारधारा लोगों को एक साथ बांधती है, उनकी विचारधारा एक भारतीय को दूसरे से अलग करती है।'
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