भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की 2 मार्च को लखनऊ में होने वाली विजय शंखनाद महारैली को सफल बनाने के लिए पार्टी के प्रदेश प्रभारी अमित शाह ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है।
भाजपा के रणनीतिकारों के मुताबिक लखनऊ की रैली को ऐतिहासिक बनाने के लिए शाह ने 'हर बूथ से पांच यूथ' लाने की रणनीति अपनाई है, जिसके तहत रैली में पूरे प्रदेश का नेतृत्व हो सके। रैली में 15 लाख लोगों की भीड़ जुटाने का लक्ष्य तय किया गया है।
रैली के लिए रेलगाड़ियों में आरक्षण कराया गया है और राजधानी में इतने बड़े जमावड़े के लिए प्रदेश के सभी कोनों से 29 रेलगाड़ियां अलग-अलग समय पर पहुंचेंगी। इसके लिए पार्टी की ओर से तीन करोड़ से अधिक खर्च किया गया है।
उत्तर प्रदेश में कुल 80 लोकसभा सीटें और 401 विधानसभा सीटें हैं। इन सभी क्षेत्रों से ज्यादा से ज्यादा लोगों को राजधानी लाने की कवायद में भाजपा जुटी है। भाजपा के पदाधिकारियों का दावा है कि यह अब तक देश की सबसे बड़ी रैली होने जा रही है, जिसमें 15 लाख से अधिक लोग राजधानी पहुंचेंगे।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक कहते हैं, देश का सबसे बड़ा राज्य होने के नाते यह देश की सबसे बड़ी महारैली भी साबित होने जा रही है और इसे लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह का गृह प्रदेश होने से भी लोगों की नजर इस ओर टिकी हुई है कि पार्टी को यहां कितनी सफलता मिलती है।
शाह के एक करीबी ने बताया कि सर्वाधिक सीट जीतने का जो लक्ष्य प्रदेश में तय किया गया है, अगर वह आंकड़ा पूरा हो जाता है, तो प्रधानमंत्री बनने के लिए मोदी की राह आसान हो जाएगी। शाह की रणनीति के मुताबिक 'हर बूथ से पांच यूथ' रैली में पहुंचने में कामयाब हो जाता है, तो भाजपा के लिए यह एक बड़ी सफलता मानी जाएगी और शाह के निर्देश में इसी रणनीति पर पार्टी आगे भी बढ़ रही है।
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