Delhi Grap-3: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है, एक बार फिर पॉल्यूशन का लेवल 400 पार पहुंच गया है. कई लोगों का ये भी दावा है कि दिल्ली का एक्यूआई 700 से भी ज्यादा है, ऐसे में हालात बिगड़ते देख फिर से दिल्ली और एनसीआर में ग्रैप-3 लागू कर दिया गया है. यानी एक बार फिर राजधानी और इससे जुड़े इलाकों में कई तरह के प्रतिबंध लागू हो जाएंगे. आइए जानते हैं कि किन लोगों को वर्क फ्रॉम होम दिया जा सकता है और स्कूलों पर इसका क्या असर पड़ेगा.
क्या होता है GRAP?
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की गंभीर स्थिति से निपटने के लिए हर साल GRAP यानी Graded Response Action Plan के प्रतिबंध लागू किए जाते हैं. इसमें बताया जाता है कि क्या-क्या चीजें बंद रहेंगीं और सुरक्षा के लिहाज से किन लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलना है. कमीशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट (CAQM) की तरफ से सरकार को इस तरह के सुझाव दिए जाते हैं.
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GRAP-3 में वर्क फ्रॉम होम
ग्रैप-3 लागू होने के बाद सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों में कम स्टाफ के साथ काम करने की सलाह दी जाती है, हालांकि सरकार ही इस पर आखिरी फैसला लेती है. कुछ दिन पहले जब ग्रैप के प्रतिबंध लागू हुए थे, तब दिल्ली सरकार ने 50 प्रतिशत कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम देने का फैसला लिया था. अब एक बार फिर ग्रैप-3 लागू हो चुका है, ऐसे में दिल्ली में काम करने वाले कर्मचारियों को घर से काम करने की इजाजत दी जा सकती है.
स्कूल भी होंगे बंद?
ग्रैप-3 लागू होने के बाद स्कूलों को भी हाइब्रिड मोड पर चलाने की सलाह दी जाती है, दिल्ली सरकार की तरफ से कुछ हफ्ते पहले पांचवीं कक्षा तक के बच्चों को घर से ही पढ़ाने का फैसला लिया गया था, अब एक बार फिर छोटी क्लास के बच्चों को ये सुविधा मिल सकती है. हालांकि स्कूलों को पूरी तरह से बंद करने का फैसला थोड़ा मुश्किल हो सकता है. माना जा रहा है कि दिल्ली में बोर्ड परीक्षाओं के छात्रों को छोड़कर बाकी छात्रों के लिए विंटर वेकेशन का भी जल्दी ऐलान हो सकता है. जिससे बच्चे प्रदूषण की मार से बचे रहें.
ग्रैप-3 लागू होने के बाद क्या होता है?
GRAP-3 तब लागू किया जाता है जब एक्यूआई लेवल 401 से लेकर 450 तक पहुंच जाता है. यानी हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में आ जाती है. इसके लागू होते ही कई चीजों पर पूरी तरह से पाबंदी लग जाती है.
- कंस्ट्रक्शन से जुड़ी सभी एक्टिविटीज पर रोक लग जाती है, निर्माण कार्य करने पर जुर्माना लगाया जाता है.
- मेट्रो, अस्पताल या फ्लाईओवर के काम चलते हैं, लेकिन वहां भी पानी का छिड़काव जरूरी होता है.
- बीएस-3 पेट्रोल वाहनों की एंट्री पर पाबंदी लगाई जाती है.
- स्कूलों को हाइब्रिड मोड पर चलाने और दफ्तरों में कम स्टाफ के साथ काम करने की सलाह दी जाती है.
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