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This Article is From Feb 16, 2013

प्रणब ने ठुकरा दी थी क्रिकेट बोर्ड का अध्यक्ष बनने की पेशकश

प्रणब ने ठुकरा दी थी क्रिकेट बोर्ड का अध्यक्ष बनने की पेशकश
नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इस तथ्य का खुलासा किया कि 1980 के दशक में उन्हें भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष पद की पेशकश की गई थी, लेकिन उन्होंने चूंकि कभी बल्ला पकड़कर देखा तक नहीं था इसलिए उन्होंने यह पेशकश ठुकरा दी और इस पद के लिए एनकेपी साल्वे का नाम सुझाया।

राष्ट्रपति भवन में पहले एनकेपी साल्वे स्मारक व्याख्यान में मुखर्जी ने याद किया कि उनके कुछ करीबी लोगों ने 1982 में बीसीसीआई के अध्यक्ष पद के लिए उनके नाम की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया क्योंकि उन्होंने कभी क्रिकेट खेला नहीं था और वह इस खेल के बारे में ज्यादा जानते भी नहीं थे। उन्होंने यह पद स्वीकार न करने की वजह बताते हुए कहा, ‘हालांकि मैंने क्रिकेट पर कुछ साहित्य पढ़ा था और कुछ मैच देखे थे, मैंने कभी क्रिकेट का बल्ला उठाया तक नहीं था।’

मुखर्जी ने कहा कि उन्होंने इस पद के लिए अपने दोस्त और कांग्रेस के साथी नेता साल्वे का नाम सुझाया और उनके सुझाव को मान लिया गया।

साल्वे 1982 से 1985 तक बीसीसीआई के अध्यक्ष रहे और इसी दौरान 1983 में भारत ने पहला विश्व कप जीता। 1987 में क्रिकेट विश्व कप भारत और पाकिस्तान में लाने में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई। दोनों देशों ने उस साल मिलकर विश्व कप क्रिकेट की मेजबानी की थी।

क्रिकेट से गहरा लगाव और प्रशासक के तौर पर खेल की बेहतरी में योगदान देने के अलावा साल्वे 2002 तक दो बार लोकसभा के लिए और चार बार राज्यसभा के लिए चुने गए।

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