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This Article is From Apr 29, 2020

ऐसा क्या हुआ जब नवजोत सिंह सिद्धू इंग्लैंड दौरे को बीच में ही छोड़कर वापस भारत लौट आए थे 

साल 1996 में भारतीय क्रिकेट (Indian Cricket) में एक ऐसी घटना घटी जिसने हर किसी को हैरान कर दिया था. उस इंग्लैंड दौरे के दौरान भारतीय क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) अचानक से दौरे को बीच में ही छोड़कर वापस भारत लौट आए थे.

ऐसा क्या हुआ जब नवजोत सिंह सिद्धू इंग्लैंड दौरे को बीच में ही छोड़कर वापस भारत लौट आए थे 
जब नवजोत सिंह सिद्धू इंग्लैंड दौरे बीच में ही छोड़कर वापस आ गए
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
1996 इंग्लैंड दौरे को बीच में ही थोड़कर वापस भारत लौट आए थे सिद्धू
मोहम्मद अजहरुद्दीन के साथ हुई थी गलतफहमी
जांच कमेटी में दोनों के बीच हुई गलतफहमी का हुआ खुलासा

साल 1996 में भारतीय क्रिकेट (Indian Cricket) में एक ऐसी घटना घटी जिसने हर किसी को हैरान कर दिया था. उस इंग्लैंड दौरे के दौरान भारतीय क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) अचानक से दौरे को बीच में ही छोड़कर वापस भारत लौट आए थे. पूर्व बीसीसीआई (BCCI) अध्यक्ष जयवंत लेले (Jaywant Lele) ने अपनी ऑटोबायोग्राफी 'आई वॉज देयर- मेमॉयर्स ऑफ ए क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेटर' (I Was There - Memoirs of a Cricket Administrator) में उस घटना को लेकर खुलासा किया है. जब यह घटना घटित हुई थी तो जयवंत लेले बीसीसीआई अध्यक्ष थे. इस घटना को लेकर उन्होंने लिखा है कि इंग्लैंड दौरे के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू को लगा कि भारत के कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन (Mohammad Azharuddin) उन्हें बात-बात कर गालियां दे रहे हैं. यह बात उनसे सहन नहीं हूई और वो अचानक से अपने बैग पैक करके बिना किसी को बोले अपने देश भारत लौट आए.

सिद्धू के इस तरह से भारत लौटने वाली घटना की तहकीकात करने के लिए बीसीसीआई ने जांच कमेटी बैठाई जिसमें उस समय बीसीसीई के चीफ रहे राज सिंह डूंगरपुर के साथ-साथ सुनिल गावस्कर (Sunil Gavaskar) और आईएस बिंद्रा भी थे. जांच कमेटी के सदस्यों ने सिद्धू को इस घटना पर बात करने के लिए मुंबई बुलाया.

मुंबई में जब सिद्धू से इस बारे में पूछा गया तो उन्हें सीधे तौर पर कहा कि मेरी गलती है कि मैं किसी को बताए बिना ही वापस भारत लौट आया था. मैं अपनी गलती मानता हूं और आप मुझे जो सजा देना चाहते हैं दें, मैं इसके लिए तैयार हूं. इस मीटिंग में कुछ भी फैसला नहीं निकल पाया. जयवंत लेले ने अपने ऑटोबायोग्राफी में लिखा है कि, जब पहली मीटिंग विफल रही तो जांच कमिटी के सदस्य गावस्कर ने एक तरकीब निकाला और कमेटी में किसी पंजाबी क्रिकेटर को शामिल करने की पेशकश की. जिसके बाद जांच कमिटी में मोहिंदर अमरनाथ (Mohinder Amarnath) को भी शामिल किया गया.

ऑटोबायोग्राफी 'आई वॉज देयर- में यह भी लिखा गया है कि इस घटना पर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar), अजहर और टीम के मैनेजर से भी बात की गई और सभी का एक ही कहना था कि उन्हें पता ही नहीं कि सिद्धू किस बात से नाराज हैं. मोहिंदर अमरनाथ को जांच कमेटी में शामिल करने के बाद सिद्धू को मुंबई बुलाया गया. दूसरी मीटिंग के दौरान भी सिद्धू ने सभी से यही कहा कि उनसे ही गलती हुई है और मुझे सजा दें.

जब मीटिंग खत्म हुई तो मोहिंदर अमरनाथ और सिद्धू को अकेले छोड़कर दूसरे सदस्य अलग हो गए. सिद्धू से बात करने के बाद अमरनाथ ने जांच कमेटी को बताया कि इस मुद्दे को यही खत्म कर दें, इसमें कुछ ऐसा नहीं है जिसपर सुनवाई हो. जांच कमेटी के दूसरे सदस्य ने अमरनाथ से पूछा कि आखिर बात क्या है, तब पूर्व क्रिकेटर अमरनाथ ने कहा कि..दरअसल इंग्लैंड दौरे के दौरान अजहर, सिद्धू को हमेशा मां के साथ जोड़कर कुछ शब्द कहते थे जिससे वो नाराज होकर वापस भारत लौट आए. अमरनाथ ने कहा कि सिद्धू, अजहर के द्वारा कहे शब्द को गाली समझ बैठे थे, दरअसरल जो शब्द अजहर कह रहे थे वो हैदराबाद में अपने लोगों के प्रति प्यार जताने के लिए कहा जाता है.

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दोनों के बीच गलतफहमी हुई जिसके कारण सिद्धू बिना कुछ सोचे बीच दौरे से भारत वापस लौट आए थे. इस घटना के खुलासा के बाद फैसला लिया गया कि इस बारे में भारतीय क्रिकेट में फिर कभी बात नहीं होगी. बता दें कि कुछ साल पहले जब सिद्धू बीमार पड़े थे तो, अजहरुद्दीन उनसे मिलने दिल्ली के एक हॉस्पिटल में पहुंचे थे. सिद्धू के कमरे में जाते समय अजहर ने इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के स्टाफ से कहा, 'मेरा भाई यहां भर्ती है..

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