महेंद्र सिंह धोनी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
एक साल दस महीने और 12 दिन के बाद इंग्लैंड में क्रिकेट वर्ल्ड कप शुरू हो जाएगा. इस वर्ल्ड कप को लेकर टीमों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं जिसमें भारत भी शामिल है. भारत की हर संभव कोशिश रहेगी की तीसरी बार वर्ल्ड कप जीतने के साथ-साथ लॉर्ड्स के मैदान पर दूसरी बार वर्ल्ड कप जीते. कुछ दिन पहले श्रीलंका के खिलाफ एकदिवसीय और टी-20 मैच के लिए भारतीय टीम की घोषणा की गई थी. इस टीम में न युवराज सिंह को मौक़ा मिला है और न सुरेश रैना को. रैना ने 25 अक्टूबर 2016 के बाद से कोई एकदिवसीय मैच नहीं खेला है जबकि युवराज सिंह ने 30 जून 2017 को अपना आखिरी एकदिवसीय मैच खेला था. यह कहना मुश्किल है कि युवराज सिंह के टीम से बहार होने के पीछे की वजह ख़राब प्रदर्शन है. 2017 में युवराज सिंह ने 11 एकदिवसीय मैच खेले हैं और 41 से भी ज्यादा की औसत से रन बनाये हैं. लेकिन युवराज के टीम में नहीं चुने जाने की जो सबसे बड़ी वजह रही वो है दूसरे खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन. मनीष पांडेय, अजिंक्ये रहाणे और हार्दिक पंड्या जैसे खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया. ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि क्या महेंद्र सिंह धोनी 2019 का वर्ल्ड कप खेल पाएंगे.
धोनी दुनिया के सबसे बेहतरीन विकेटकीपर बल्लेबाज
इसमें कोई दो राय नहीं है कि महेंद्र सिंह धोनी दुनिया के सबसे बेहतरीन विकेटकीपर बल्लेबाज हैं. धोनी ने कप्तान के रूप में जो ऊंचाईयां छुई हैं, टीम इंडिया का कोई भी खिलाड़ी ऐसा नहीं कर पाया है. धोनी ने एकदिवसीय मैचों में 51 से भी ज्यादा की औसत से रन बनाए हैं. दुनिया का कोई भी विकेटकीपर 50 से भी ज्यादा की औसत से रन नहीं बना पाया है. धोनी ने कप्तान के रूप में भारत के लिए सबसे ज्यादा एकदिवसीय मैच खेलने गौरव हासिल करने के साथ-साथ सबसे ज्यादा मैच भी जीते हैं. धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने 2011 में वर्ल्ड कप जीतने का गौरव हासिल किया था लेकिन 2019 के वर्ल्ड कप को लेकर धोनी के सामने कई चुनौतियां हैं.
2017 में धोनी का प्रदर्शन
2017 में महेंद्र सिंह धोनी ने अभी तक अच्छा प्रदर्शन किया है. जनवरी के महीने में इंग्लैंड के खिलाफ हुई वनडे सीरीज में धोनी ने तीन मैचों में 181 रन बनाए थे जिसमें एक शानदार शतक भी शामिल था. जून के महीने में इंग्लैंड में हुए चैंपियंस ट्रॉफी में धोनी को ज्यादा बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला था. धोनी ने पांच मैच खेले थे, तीन मैचों में उन्हें बल्लेबाजी करने का मौक़ा नहीं मिला था. श्रीलंका के खिलाफ मैच में उन्होंने 63 रन बनाए थे जबकि पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल मैच में धोनी ने सिर्फ चार रन बनाए थे. जून के महीने में ही वेस्टइंडीज के खिलाफ हुई वनडे सीरीज में धोनी ने अच्छा प्रदर्शन किया था. वेस्टइंडीज के खिलाफ धोनी ने पांच मैच खेले थे और चार मैचों में उन्हें बल्लेबाजी करने का मौक़ा मिला था. इन चार मैचों में से दो मैच में धोनी अर्धशतक बनाने में कामयाब हुए थे. सबसे बड़ी बात यह थी कि चार में से तीन मैचों में धोनी नॉट आउट रहे थे.
क्या अपनी फिटनेस बनाए रख पाएंगे धोनी?
धोनी के सामने जो सबसे बड़ी चुनौती है वो है उनकी उम्र. महेंद्र सिंह धोनी 36 साल के हो गए हैं और 2019 तक वो 38 साल के हो जाएंगे. ऐसे में धोनी के लिए अपनी फिटनेस बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती होगी. ऐसा बहुत कम बार हुआ है जब महेंद्र सिंह धोनी अपनी फिटनेस के वजह से टीम से बहार हुए हों. फिटनेस के साथ-साथ धोनी को अच्छा प्रदर्शन भी करना पड़ेगा. सितंबर के महीने में ऑस्ट्रेलिया पांच एकदिवसीय और तीन टी-20 मैच खेलने के लिए भारत आ रहा है. यह सीरीज धोनी के लिए काफी महत्पूर्ण सीरीज होगी. धोनी को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करना पड़ेगा. अगर धोनी यहां फ्लॉप होते हैं तो चयनकर्ता दूसरे विकेटकीपर के बारे में सोच सकते हैं.
क्या दिनेश कार्तिक और पार्थिव पटेल की हो सकती है वापसी?
2004 में महेंद्र सिंह धोनी ने अंतराष्ट्रीय क्रिकेट खेलना शुरू किया. इसके बाद धोनी का प्रदर्शन इतना शानदार रहा कि भारत के किसी और विकेटकीपर को मौका नहीं मिला. धोनी लगातार मैच खेलते आ रहे हैं. ऐसे में दिनेश कार्तिक, पार्थिव पटेल जैसे विकेटकीपरों को ज्यादा मैच खेलने का मौक़ा नहीं मिला. दिनेश कार्तिक ने 2004 में एकदिवसीय मैच खेलना शुरू किया और पिछले 13 सालों में सिर्फ 73 एकदिवसीय मैच खेल पाए हैं जबकि धोनी पिछले 13 सालों में 296 मैच खेल चुके हैं. पार्थिव पटेल 2003 से लेकर 2012 के बीच सिर्फ 38 एकदिवसीय मैच खेल पाए हैं. पटेल को 2012 के बाद टीम में मौका नहीं मिला है. अगर पार्थिव पटेल और दिनेश कार्तिक की बात की जाए तो दोनों की उम्र 32 साल से भी ज्यादा हो गई है और ऐसा लगता नहीं कि आगे इनको मौक़ा मिल सकता है.
यह खिलाड़ी ले सकता है धोनी का जगह
मौजूदा समय में भारत में ऐसा कोई विकेटकीपर बल्लेबाज नहीं है जो धोनी को टक्कर दे सकता हो. धोनी के पास जितना अनुभव है किसी दूसरे विकेटकीपर के पास इतना अनुभव नहीं है. अगर आगे धोनी लगातार फ्लॉप होते हैं तो ऋषभ पंत धोनी की जगह ले सकते हैं. ऋषभ पंत युवा खिलाड़ी हैं जिनकी उम्र सिर्फ 20 साल है. ऋषभ को अभी तक अंतराष्ट्रीय एकदिवसीय मैच खेलने का मौक़ा नहीं मिला है. पंत ने अभी तक सिर्फ दो अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैच खेले हैं और 43 की औसत से 43 रन बनाए हैं. ऋषभ के साथ जो खास बात है वो यह कि ऋषभ कभी दबाव में नहीं खेलते. प्रथम श्रेणी क्रिकेट में ऋषभ ने शानदार प्रदर्शन किया है. 17 प्रथम श्रेणी परियों में ऋषभ ने 69 की औसत से 1101 बनाए हैं जिसमें चार शतक और तीन अर्धशतक शामिल हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि प्रथम श्रेणी क्रिकेट में ऋषभ का स्ट्राइक रेट 100 से भी ज्यादा है. ऋषभ ठीकठाक विकेट कीपिंग भी कर लेते हैं.
VIDEO: फेल हुए सुरेश रैना और युवराज सिंह
धोनी दुनिया के सबसे बेहतरीन विकेटकीपर बल्लेबाज
इसमें कोई दो राय नहीं है कि महेंद्र सिंह धोनी दुनिया के सबसे बेहतरीन विकेटकीपर बल्लेबाज हैं. धोनी ने कप्तान के रूप में जो ऊंचाईयां छुई हैं, टीम इंडिया का कोई भी खिलाड़ी ऐसा नहीं कर पाया है. धोनी ने एकदिवसीय मैचों में 51 से भी ज्यादा की औसत से रन बनाए हैं. दुनिया का कोई भी विकेटकीपर 50 से भी ज्यादा की औसत से रन नहीं बना पाया है. धोनी ने कप्तान के रूप में भारत के लिए सबसे ज्यादा एकदिवसीय मैच खेलने गौरव हासिल करने के साथ-साथ सबसे ज्यादा मैच भी जीते हैं. धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने 2011 में वर्ल्ड कप जीतने का गौरव हासिल किया था लेकिन 2019 के वर्ल्ड कप को लेकर धोनी के सामने कई चुनौतियां हैं.
2017 में धोनी का प्रदर्शन
2017 में महेंद्र सिंह धोनी ने अभी तक अच्छा प्रदर्शन किया है. जनवरी के महीने में इंग्लैंड के खिलाफ हुई वनडे सीरीज में धोनी ने तीन मैचों में 181 रन बनाए थे जिसमें एक शानदार शतक भी शामिल था. जून के महीने में इंग्लैंड में हुए चैंपियंस ट्रॉफी में धोनी को ज्यादा बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला था. धोनी ने पांच मैच खेले थे, तीन मैचों में उन्हें बल्लेबाजी करने का मौक़ा नहीं मिला था. श्रीलंका के खिलाफ मैच में उन्होंने 63 रन बनाए थे जबकि पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल मैच में धोनी ने सिर्फ चार रन बनाए थे. जून के महीने में ही वेस्टइंडीज के खिलाफ हुई वनडे सीरीज में धोनी ने अच्छा प्रदर्शन किया था. वेस्टइंडीज के खिलाफ धोनी ने पांच मैच खेले थे और चार मैचों में उन्हें बल्लेबाजी करने का मौक़ा मिला था. इन चार मैचों में से दो मैच में धोनी अर्धशतक बनाने में कामयाब हुए थे. सबसे बड़ी बात यह थी कि चार में से तीन मैचों में धोनी नॉट आउट रहे थे.
क्या अपनी फिटनेस बनाए रख पाएंगे धोनी?
धोनी के सामने जो सबसे बड़ी चुनौती है वो है उनकी उम्र. महेंद्र सिंह धोनी 36 साल के हो गए हैं और 2019 तक वो 38 साल के हो जाएंगे. ऐसे में धोनी के लिए अपनी फिटनेस बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती होगी. ऐसा बहुत कम बार हुआ है जब महेंद्र सिंह धोनी अपनी फिटनेस के वजह से टीम से बहार हुए हों. फिटनेस के साथ-साथ धोनी को अच्छा प्रदर्शन भी करना पड़ेगा. सितंबर के महीने में ऑस्ट्रेलिया पांच एकदिवसीय और तीन टी-20 मैच खेलने के लिए भारत आ रहा है. यह सीरीज धोनी के लिए काफी महत्पूर्ण सीरीज होगी. धोनी को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करना पड़ेगा. अगर धोनी यहां फ्लॉप होते हैं तो चयनकर्ता दूसरे विकेटकीपर के बारे में सोच सकते हैं.
क्या दिनेश कार्तिक और पार्थिव पटेल की हो सकती है वापसी?
2004 में महेंद्र सिंह धोनी ने अंतराष्ट्रीय क्रिकेट खेलना शुरू किया. इसके बाद धोनी का प्रदर्शन इतना शानदार रहा कि भारत के किसी और विकेटकीपर को मौका नहीं मिला. धोनी लगातार मैच खेलते आ रहे हैं. ऐसे में दिनेश कार्तिक, पार्थिव पटेल जैसे विकेटकीपरों को ज्यादा मैच खेलने का मौक़ा नहीं मिला. दिनेश कार्तिक ने 2004 में एकदिवसीय मैच खेलना शुरू किया और पिछले 13 सालों में सिर्फ 73 एकदिवसीय मैच खेल पाए हैं जबकि धोनी पिछले 13 सालों में 296 मैच खेल चुके हैं. पार्थिव पटेल 2003 से लेकर 2012 के बीच सिर्फ 38 एकदिवसीय मैच खेल पाए हैं. पटेल को 2012 के बाद टीम में मौका नहीं मिला है. अगर पार्थिव पटेल और दिनेश कार्तिक की बात की जाए तो दोनों की उम्र 32 साल से भी ज्यादा हो गई है और ऐसा लगता नहीं कि आगे इनको मौक़ा मिल सकता है.
यह खिलाड़ी ले सकता है धोनी का जगह
मौजूदा समय में भारत में ऐसा कोई विकेटकीपर बल्लेबाज नहीं है जो धोनी को टक्कर दे सकता हो. धोनी के पास जितना अनुभव है किसी दूसरे विकेटकीपर के पास इतना अनुभव नहीं है. अगर आगे धोनी लगातार फ्लॉप होते हैं तो ऋषभ पंत धोनी की जगह ले सकते हैं. ऋषभ पंत युवा खिलाड़ी हैं जिनकी उम्र सिर्फ 20 साल है. ऋषभ को अभी तक अंतराष्ट्रीय एकदिवसीय मैच खेलने का मौक़ा नहीं मिला है. पंत ने अभी तक सिर्फ दो अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैच खेले हैं और 43 की औसत से 43 रन बनाए हैं. ऋषभ के साथ जो खास बात है वो यह कि ऋषभ कभी दबाव में नहीं खेलते. प्रथम श्रेणी क्रिकेट में ऋषभ ने शानदार प्रदर्शन किया है. 17 प्रथम श्रेणी परियों में ऋषभ ने 69 की औसत से 1101 बनाए हैं जिसमें चार शतक और तीन अर्धशतक शामिल हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि प्रथम श्रेणी क्रिकेट में ऋषभ का स्ट्राइक रेट 100 से भी ज्यादा है. ऋषभ ठीकठाक विकेट कीपिंग भी कर लेते हैं.
VIDEO: फेल हुए सुरेश रैना और युवराज सिंह
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