यह ख़बर 16 मार्च, 2014 को प्रकाशित हुई थी

टी-20 वर्ल्ड कप : पाक और ऑस्ट्रेलिया प्रबल दावेदार, भारत के लिए कड़ी चुनौती

मीरपुर:

महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई वाली भारतीय टीम जब आईसीसी वर्ल्डकप टी-20 में अपने अभियान की शुरुआत करेगी, तो उसकी निगाहें पिछले कुछ महीनों के लचर प्रदर्शन को पीछे छोड़ने की होगी, जबकि ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान प्रबल दावेदार के रूप में शुरुआत करेंगे।

मौजूदा फॉर्म को देखते हुए 2007 के शुरुआती चरण की चैंपियन भारतीय टीम निश्चित रूप से टूर्नामेंट जीतने की दावेदारों में शामिल नहीं है। टूर्नामेंट रविवार से क्वालीफायर मुकाबलों से शुरू होगा। पाकिस्तान और संतुलित ऑस्ट्रेलियाई टीम भी तीन हफ्ते तक चलने वाले टूर्नामेंट में गंभीरता से खिताब पर निगाह गड़ाए होगी।

2012 में जीत दर्ज करने वाली गत चैंपियन वेस्ट इंडीज भी खुद को साबित करना चाहेगी, जबकि श्रीलंकाई टीम 2009 और 2012 में दो फाइनल गंवाने के बाद तीसरी बार भाग्यशाली बनना चाहेगी। न्यूजीलैंड अपने सनसनीखेज खिलाड़ी कोरी एंडरसन के बूते बड़ी ट्रॉफी नहीं जीतने के मिथक को तोड़ना चाहेगा और एबी डिविलियर्स की अगुवाई वाली दक्षिण अफ्रीकी टीम भी कुछ ऐसा ही सोच रही होगी।

भारत ने पिछला टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच पांच महीने से ज्यादा समय पहले खेला था और युवराज सिंह की मदद से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच छह विकेट से जीता था। यह प्रारूप पूरी तरह से अलग है, जिसमें गेंदबाजों को सर्कल के बाहर चार क्षेत्ररक्षकों के नियम से रूबरू नहीं होना पड़ेगा, लेकिन आईपीएल की लोकप्रियता के बावजूद भारत की इस प्रारूप में अनिंरतरता की अनदेखी करना मुश्किल होगा। टूर्नामेंट अब उप महाद्वीप में खेला जा रहा है, लेकिन यह भी भारत के लिए अब फायदेमंद नहीं होगा।

पिछले चरण में ऑस्ट्रेलिया ने कोलंबो में उन्हें बारिश से प्रभावित मैच में आसानी से मात दी थी और भारत टूर्नामेंट से बाहर हो गया था। टीम मीरपुर में शेरे बांग्ला स्टेडियम में अपने सभी मैच खेलेगी, लेकिन हाल में उसने इस स्थल पर अपने सभी मैच गंवाए हैं, जिसमें हाल का एशिया कप भी शामिल है।

कप्तान धोनी मांसपेशियों के खिंचाव से उबर गए हैं, वह अनुभवी युवराज सिंह और सुरेश रैना के साथ टीम में वापसी करेंगे। गेंदबाजी हमेशा की तरह चिंताजनक है, जिसमें सिर्फ मोहम्मद शमी का प्रदर्शन ठीक है। वरुण आरोन अनिरंतर गेंदबाजी कर रहे हैं और भुवनेश्वर कुमार में रफ्तार में कमी का खुलासा हो चुका है। आर अश्विन ने एशिया कप के दौरान थोड़ा बेहतर प्रदर्शन किया था, लेकिन वह अपने सर्वश्रेष्ठ से दूर ही रहे थे, जबकि रविंद्र जडेजा कुछ अच्छे प्रदर्शन के बावजूद मैच विजेता नहीं हैं। इसलिए यह फिर इस बात पर निर्भर होगा कि कप्तान धोनी और विराट कोहली टूर्नामेंट के दौरान कैसा प्रदर्शन करते हैं।


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